
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा रविवार को “इंडिया से भारत की ओर” विषयक शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय में किया गया। संगोष्ठी का प्रारम्भ मां सरस्वती जी और महापुरुषों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने और दीप प्रज्वलित करने के उपरांत हुआ। सरस्वती वंदना का प्रस्तुतीकरण डा. प्रेमलता सिंह ने किया। मंडल अध्यक्ष डीवी सिंह ने अध्यक्षीय भाषण के साथ ही, भारतीयता पर स्वरचित काव्यपाठ भी किया।
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ माध्यमिक के प्रदेश महामंत्री आशीष मणि त्रिपाठी ने कहा कि, अंग्रेजों ने केवल भारत की आर्थिक संरचना को छिन्न-भिन्न किया अपितु महान भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए शिक्षा के माध्यम से सुनियोजित षड़यंत्र किया। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजेश चन्द्र गुप्त ने कहा कि भारतीय शास्त्रों के ज्ञान विज्ञान पर शोध की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति में ही समस्त विश्व का कल्याण करने की क्षमता है।
इस दौरान उमेश उपाध्याय, डा.महेंद्र राय, भारतेन्दु यादव, दीप्तिमान श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन आरपीएन सिंह ने किया। मंचासीन अतिथियों को पुष्प और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। संगोष्ठी का समापन कल्याण मंत्र के सामूहिक वाचन के साथ हुआ। संगोष्ठी में डा.रविन्द्र शुक्ल, डा.ज्ञानेंद्र सिंह, ओमप्रकाश धर द्विवेदी, सुशील दत्त मिश्र, रणविजय मल्ल, विवेक सिंह, विजय मणि त्रिपाठी, पंकज दूबे, आशीष यादव, दुर्गेश दत्त पाण्डेय, विनोद राय, दीपक राय, अन्नपूर्णा शाही, ज्योति ठाकुर आदि मौजूद रहे।
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