हिसार(राष्ट्र की परम्परा)
चेहरे है सब क्यों मुरझाए,
अब कौन बताए।
क्यों फैले दहशतगर्दी के साये,
अब कौन बताए॥
कभी होकर देश पर कुर्बान,
जो अमर हुए थे,
सपूत वही आज क्यों घबराये,
अब कौन बताए।
कौन है कातिल भारत माँ के,
सब अरमानों का,
है हर चेहरा नकाब लगाए,
अब कौन बताए।
लिखूं क्या कहानी मैं
वतन पर मिटने वालों की
वो तो मर के भी मुस्काए,
अब कौन बताए।
ये शब्दों की आजाद शमां,
यूं ही जलती जाएगी,
बुझे न दिल की आग बुझाए,
अब कौन बताए।
इस माटी में जन्मी, एक रोज,
इसी में मिल जाऊँगी,
है अरमां काम देश के आए,
अब कौन बताए।
दिवा/ महाराष्ट्र(राष्ट्र की परम्परा) कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे स्थानीय नेता मोतीलाल वर्मा ने अपने…
काबुल/इस्लामाबाद (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी कुनर प्रांत में रविवार देर रात आए…
देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा)देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल को केंद्र सरकार की विकसित भारत परिकल्पना…
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर के निर्देशन में जनपद पुलिस ने विशेष मॉर्निंग वॉकर…
तियानजिन (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के पूर्ण…
गया। (राष्ट्र की परम्परा )गयाजी शहर में 6 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष मेले…