गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित यूजीसी–मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर द्वारा आयोजित फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के अंतर्गत “क्लासरूम से क्लाउडरूम तक” विषय पर व्याख्यान संपन्न हुआ। कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए नव नियुक्त सहायक प्राध्यापकों ने सहभागिता की।
मुख्य वक्ता अंग्रेज़ी विभाग के प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने पारंपरिक कक्षा शिक्षण और डिजिटल माध्यमों के संतुलित एवं पूरक स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज की उच्च शिक्षा में मिश्रित शिक्षण समय की आवश्यकता बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि क्लासरूम प्रत्यक्ष संवाद, अनुशासन और मार्गदर्शन का केंद्र है, जबकि क्लाउडरूम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से समय और स्थान की सीमाओं से परे सीखने के अवसर उपलब्ध कराता है।
प्रो. शुक्ला ने कहा कि SWAYAM का उद्देश्य पारंपरिक क्लासरूम का स्थान लेना नहीं, बल्कि उसे और अधिक प्रभावी बनाना है। क्लाउडरूम आधारित शिक्षण छात्रों को लचीलापन, अतिरिक्त शैक्षणिक संसाधन और स्व-अध्ययन के अवसर देता है, जिससे मिश्रित शिक्षण का मॉडल सशक्त होता है।
उन्होंने जानकारी दी कि SWAYAM भारत सरकार का राष्ट्रीय ऑनलाइन शिक्षा मंच है, जहां राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाते हैं। SWAYAM पाठ्यक्रमों के लिए पंजीकरण वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई सत्र में किया जाता है। मूल्यांकन प्रणाली के अंतर्गत 30 प्रतिशत अंक आंतरिक मूल्यांकन तथा 70 प्रतिशत अंक राष्ट्रीय स्तर की अंतिम परीक्षा से निर्धारित होते हैं।
प्रो. शुक्ला ने बताया कि यूजीसी दिशानिर्देशों के अनुसार किसी भी कार्यक्रम में कुल क्रेडिट का अधिकतम 40 प्रतिशत SWAYAM के माध्यम से अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि SWAYAM पर एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स जैसे आधुनिक शिक्षण तत्वों के माध्यम से जटिल विषयों को सरल और रोचक बनाया जाता है।
कार्यक्रम के अन्य सत्रों में जेएनयू के वरिष्ठ प्राध्यापक संजय कुमार पाण्डेय ने भारत–रूस संबंधों पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए दोनों देशों को दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदार बताया और सामरिक सहयोग, सैन्य क्षमता तथा कूटनीतिक संतुलन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
चौथे सत्र में प्रो. अनीता अग्रवाल और प्रो. उमा शंकर तिवारी के निर्देशन में प्रतिभागियों द्वारा विषयगत प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम के पाठ्यक्रम प्रभारी एवं भौतिकी विभागाध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम नव नियुक्त शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की व्यावहारिक समझ प्रदान करते हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ कृपा मणि मिश्रा के स्वागत उद्बोधन से हुआ।
क्लासरूम के साथ अब क्लाउडरूम भी, मिश्रित शिक्षण से सशक्त होगी उच्च शिक्षा: प्रो. अजय शुक्ला
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