रांची (राष्ट्र की परम्परा) झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह ने कहा कि झारखंड में आज तक छठा वेतनमान एवं सातवां केंद्रीय वेतनमान की सभी सुविधाएं हु बहु अनुशंसा , संशोधित वेतमान,भत्ता, ग्रेड पे नहीं दी जा रही है। जिससे राज्यकर्मियों में रोष व्याप्त है। राज्यकर्मियों की उम्मीद की मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखंड सरकार इसे लागू करेंगे ,परंतु कोई कारवाई नहीं हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल IAS झारखंड सरकार ने वर्ष 2023 में सचिव, कार्मिक विभाग, झारखंड सरकार सहित सभी संबंधित विभाग को 21 सूत्री मांगो पर कारवाई हेतु पीत पत्र वर्ष 2023 में ही सभी संबंधित सचिव को भेजी गई परंतु आज तक कही से भी कोई भी कारवाई नहीं की गई। सहकारिता प्रसार पदाधिकारी सहित सभी निरीक्षक संवर्ग को 6500 रुपए वेतनमान के बदले 5000 रु वेतनमान दी जा रही है,ग्रेड पे 4600 रु के बदले 4200 रु दी जा रही है , मुफ्फसिल लिपिकों का तथा पंचायत सचिव संवर्ग का ग्रेड पे आज तक ग्रेड पे 2400 रु नहीं दी जा रही है। सबसे खराब हालत JSLPS झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ग्रामीण विकास विभाग झारखंड में कार्यरत ऑफिस बॉय ऑफिस अटेंडेंट हाउस कीपर संवर्ग जिनको मात्र 425 से 450 रु प्रतिदिन के दर से वो भी केवल कार्यदिवस में ही मानदेय मिलता है।इस संवर्ग को कोई अवकाश नहीं महिला कर्मचारियों को विशेष अवकाश नहीं,ये सीधा सीधा अन्याय है।कार्यरत बल इनका 240 है ,JSLPS द्वारा इसमें से 8 ऑफिस बॉय को लेवल L 8 में जोड़ा गया शेष 232 को आज तक नहीं जोड़ा गया। श्रम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इनलोगों को न्यूनतम 783 रु प्रतिदिन मानदेय की अनुशंसा है,नहीं दी जा रही है। जबकि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखंड सरकार के वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव द्वारा कई पत्र कारवाई हेतु सचिव, ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार को भेजी गई,कोई कारवाई नहीं। इसी तरह JSLPS में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर को आज तक केवल 7 में नहीं जोड़ा गया,इनका मानदेय 40,900 रु भी नहीं दी जा रही है,इनकी कोई भी जायज मांगो को लागू नहीं की जा रही है।JSLPS में कार्यरत PRP/ BAP संवर्ग की भी जायज मांगो को लागू नहीं जा रही है। इन दोनों संवर्गो को भी इनके मांगो पर कारवाई हेतु सीएम हेमन्त सोरेन झारखंड सरकार के वरीय आप्त सचिव सुनील कुमार श्रीवास्तव के द्वारा पत्र सचिव, ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार को कई बार भेजी गई,कोई कारवाई नहीं। अभियान निदेशक,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ,झारखंड को भी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन झारखंड सरकार द्वारा निर्देशित कई पत्र तब्बूसम नाज,अस्पताल प्रबंधक धनबाद एवं दीपक कुमार गुप्ता से संबंधित कारवाई हेतु भेजा गया,कोई कारवाई नहीं। स्वास्थ्य विभाग झारखंड में कार्यरत MPW एमपीडब्ल्यू कर्मियों को स्थाई समायोजन अभी तक नहीं की गई। पंचायती राज निदेशक झारखंड के अधीन कार्यरत पंचायत सहायक को मात्र 2500 रु प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, आश्चर्य की झारखंड में एक ऐसा संवर्ग जिनको एक भी पैसा मानदेय नहीं दी जा रही है।ये लोग राज्य के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। झारखंड सरकार द्वारा आज तक संविदा कर्मियो, अनुबंध कर्मियो, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटर आउट सोर्सिंग कर्मियों को स्थाई समायोजन नहीं की गई,इनलोगों को आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति काफी नाजुक है। जनसेवक संवर्ग की भी जायज मांगो को पूरा की जाय। हेमन्त सोरेन झारखंड सरकार से महासंघ ने यह भी अनुरोध किया था कि सेवानिवृति उम्र 62 वर्ष की जाय। महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री को समर्पित 21 सूत्री मांगो पर आज तक कारवाई लंबित है,उसे अविलंब पूरा की जाए। महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार साह, अध्यक्ष देव नारायण सिंह मुंडा, सल, संरक्षक गणेश प्रसाद सिंह, सम्मानित अध्यक्ष मुक्तेश्वर लाल , सुरेश हाजरा, कमलेश कुमार, जी बी राम, रामाशीष पासवान, रिंकू कुमार, करन कुमार गुप्ता, मुन्ना कापरी ,पंकज कुमार,भरत उरांव, मुकेश कुमार, टीपू सुल्तान,मिथुन यादव, नारायण महतो, श्याम लाल पासवान, अनिल कुमार, विनोद कुमार, अशोक कुमार, सौरभ कुमार सनातन कुमार,रीना सिंह, सुरेश कुमार, बी अगस्त क्रांति कुमार, डॉक्टर गणेश राम, कौशल प्रसाद सिन्हा, अखिलेश कुमार अंबष्ट पवन कुमार, मंगल हेंब्रम, मो रिजवान, तौफीक आलम, तब्बूसम नाज, आदि ने माननीय मुख्यमंत्री से अविलंब कारवाई की मांग की है। वर्ष 2023 से प्रेषित सरकार के निदेशानुसार 21 सूत्री मांगो से संबंधित पीत पत्र आज तक कारवाई नहीं होना चिंता की विषय है। केंद्र द्वारा आठवां वेतनमान की लागू करने के लिए कमिटी का गठन कर दी और झारखंड में 2006 का ही अनुशंसा लागू नहीं।
सरकार और विभागीय कार्रवाई से अराजपत्रिक कर्मचारी महासंघ नाराज
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