Monday, October 13, 2025
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सड़क सुरक्षा के लिए ‘हेलमेट नहीं तो तेल नहीं’ नीति लागू

उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। नई नीति के तहत, अब राज्य में बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी पेट्रोल पंप संचालकों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के अनुसार, यह नीति राज्य में दोपहिया वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की संख्या को कम करने के उद्देश्य से लागू की गई है। विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “हेलमेट पहनने से न केवल सिर पर लगने वाली चोटों से बचा जा सकता है, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। यह नियम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों और पेट्रोल पंप संचालकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि बिना हेलमेट पहने किसी भी दोपहिया चालक को पेट्रोल न दिया जाए। जो पंप संचालक इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उतरौला और आसपास के क्षेत्रों में इस नियम को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
नगर निवासी अध्यापक जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “यह कदम जरूरी है। हेलमेट न पहनने से कितने लोगों की जान जाती है। अगर यह नियम लागू होता है, तो लोग जिम्मेदारी से वाहन चलाना सीखेंगे।” वहीं, छात्र अमित वर्मा का कहना है, “पेट्रोल न देने का नियम समस्याएं पैदा कर सकता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां हेलमेट पहनने की आदत कम है। इसे लागू करने के लिए जागरूकता अभियान भी जरूरी है।”
परिवहन विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाते हैं, जिनमें से बड़ी संख्या में दोपहिया चालकों की मौत हेलमेट न पहनने के कारण होती है। इस नीति के जरिए सरकार इस संख्या को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नियम लागू करने के साथ ही, परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने जागरूकता अभियान शुरू करने की भी योजना बनाई है। इस अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर हेलमेट की उपयोगिता और सड़क सुरक्षा के नियमों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
‘हेलमेट नहीं तो तेल नहीं’ का नियम उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक पहल है। हालांकि, इसे प्रभावी बनाने के लिए जागरूकता और सार्वजनिक समर्थन भी जरूरी है। उम्मीद है कि इस नीति से राज्य में दोपहिया वाहन दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों में कमी आएगी।

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