वकीलों की रणनीति से कोर्ट में मुवक्किलों का समय और पैसा बर्बाद
अधिकारियों की इच्छा के बावजूद वकीलों के रवैये से न्याय पाने में परेशान मुवक्किल
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
गोरखपुर कमिश्नरी कोर्ट में अधिकारी समय पर मुकदमों की सुनवाई करना चाहते हैं, लेकिन वकीलों के रवैये के कारण मुवक्किल बार-बार असुविधा का सामना कर रहे हैं। वकील मुख्य रूप से अपनी फीस की चिंता में मुवक्किलों को फोन करते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं बताते कि आज कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।
सूत्रों के अनुसार, वकील जानबूझकर प्रस्ताव बार-बार देते हैं ताकि मुकदमे जल्दी निपटने पर उनकी फीस कम न हो। इस कारण पूरे महीने में मुश्किल से दस दिन ही कोर्ट की सुनवाई हो पाती है। मुवक्किल बार-बार कोर्ट आते हैं, समय और पैसा दोनों बर्बाद होते हैं, और न्याय पाने की प्रक्रिया लंबी और थकाऊ बन जाती है।
मुवक्किलों का कहना है कि अधिकारी सुनवाई कराना चाहते हैं, लेकिन वकीलों के इस रवैये की वजह से उन्हें असुविधा होती है। कई बार वकील केवल फीस के लिए मुवक्किल को फोन करते हैं, जबकि कोर्ट में उपस्थित होना उनके लिए आवश्यक होता है।
कानूनी जानकारों का मानना है कि वर्तमान व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। कोर्ट में सुनवाई तय समय पर होनी चाहिए और मुवक्किलों को अनावश्यक परेशानियों से बचाया जाना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकारी न्याय दिलाना चाहते हैं, लेकिन वकीलों के हित के कारण मुवक्किलों को समय, पैसा और ऊर्जा की हानि उठानी पड़ रही है।