संगठनात्मक भरोसे से शीर्ष भूमिका तक का सफर
त्वरित टिप्पणी: नवनीत मिश्र
भारतीय जनता पार्टी ने अहम फैसला लेते हुए बिहार सरकार के मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। संगठनात्मक आदेश को राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने जारी किया हैं। जिसकी जानकारी सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश संगठन महामंत्रियों को दी गई है।
नव नियुक्त कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन नबीन का राजनीतिक सफर वर्ष 2006 में उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने से शुरू हुआ। तब से वे लगातार बांकीपुर विधानसभा सीट से विजयी होते आ रहे हैं। वर्ष 2008 से पहले इस सीट को पटना वेस्ट विधानसभा के नाम से जाना जाता था। राजनीति उन्हें विरासत में मिली। उनके पिता नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक नेताओं में शामिल थे और 1995 से 2006 तक पटना वेस्ट से विधायक रहे। उनके निधन के बाद महज 26 वर्ष की उम्र में नितिन नबीन ने राजनीतिक जिम्मेदारी संभाली।
युवा राजनीति में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है और वे भाजपा युवा मोर्चा के बिहार अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्ष 2020 में भाजपा-जदयू गठबंधन की सरकार बनने पर उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मौजूदा सरकार में भी वे मंत्री पद पर हैं। समर्थकों का कहना है कि उनके कार्यकाल में सड़कों और बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिली।
संगठनात्मक जिम्मेदारियों के तहत नितिन नबीन को छत्तीसगढ़ का प्रभारी भी बनाया गया था। उनके नेतृत्व में वर्ष 2023 में भाजपा ने वहां सरकार बनाने में सफलता हासिल की। भले ही उन्हें जनसभाओं का प्रभावशाली वक्ता नहीं माना जाता, लेकिन संगठन के भीतर उनकी रणनीतिक समझ और नेतृत्व क्षमता को लगातार महत्व मिला है।
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में उनकी स्वीकार्यता इस नियुक्ति से स्पष्ट होती है। यदि भविष्य में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलती है, तो वे इस पद तक पहुंचने वाले बिहार के पहले भाजपा नेता होंगे। मौजूदा नियुक्ति को संगठन में उनके बढ़ते कद और केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे के तौर पर देखा जा रहा है।
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