देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।आज के दौर में जहाँ स्वार्थ और दिखावे ने मानवता को पीछे छोड़ दिया है, वहीं देवरिया नगर के वार्ड नंबर 6 के सभासद प्रतिनिधि निरंजन शुक्ला ने अपने कर्मों से साबित किया है कि “मानवता अभी भी जिंदा है।”
उनकी पहल “आशा की थाली” आज सैकड़ों भूखों के लिए जीवन की डोर बन चुकी है। हर सुबह मंदिर जाने से पहले उनके आँगन में लगती है यह थाली — जिसमें रोज़ाना 10–12 जरूरतमंद बच्चे और बुजुर्ग भोजन करते हैं।
शुक्ला कहते हैं —
“सेवा दान नहीं, एक भावना है। अगर हर मोहल्ले में एक व्यक्ति भी आगे बढ़े, तो कोई भी भूखा नहीं रहेगा।”
🌧️ संकट में भी सेवा का संकल्प
हाल की बारिश और तूफान में जब कई इलाकों की बिजली और पेड़ गिर गए, तब उन्होंने नगर पालिका कर्मियों के साथ 40 घंटे से अधिक समय तक मैदान में रहकर बिजली बहाली का काम किया। उनकी तत्परता से सैकड़ों घरों में फिर से रोशनी लौटी।
🌅 छठ पर्व पर दिखी जनसेवा की झलक
छठ महापर्व के दौरान निरंजन शुक्ला ने घाटों की सफाई, साज-सज्जा और श्रद्धालुओं के लिए पानी-प्रकाश जैसी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कीं। स्थानीय लोगों ने उन्हें “देवरिया का करुणा दूत” बताया।
🌿 प्रेरणा बन चुके हैं शुक्ला
उनकी निस्वार्थ सेवा और संवेदनशीलता ने यह साबित किया है कि परिवर्तन किसी बड़े आंदोलन से नहीं, बल्कि छोटे-छोटे कर्मों से आता है। आज निरंजन शुक्ला समाज में उम्मीद, करुणा और जनसेवा के प्रतीक बन चुके हैं।
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