
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा)। डिजिटल इंडिया की दिशा में क्रांति लाने वाला यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब देश के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। ऑनलाइन लेनदेन से लेकर सब्सक्रिप्शन, ईएमआई और बिजली-पानी के बिल भरने तक, यूपीआई हर कदम पर साथ निभा रहा है। लेकिन अब नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई को और अधिक प्रभावी और सुचारु बनाने के लिए एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। एनपीसीआई के अनुसार, अब से किसी भी यूपीआई ऐप के माध्यम से आप एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। इस सीमा को पार करने के बाद उस दिन के लिए बैलेंस जानकारी नहीं मिल सकेगी। एनपीसीआई का कहना है कि बीते महीनों में यूपीआई पर लेनदेन की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे सर्वर पर अत्यधिक लोड पड़ रहा है। कई उपयोगकर्ता दिन में कई बार बार-बार बैलेंस चेक करते हैं, जिससे सिस्टम की स्पीड प्रभावित होती है और अन्य जरूरी लेनदेन भी बाधित होते हैं। इसलिए अब “बैलेंस चेक लिमिट” तय की गई है ताकि: सिस्टम पर अनावश्यक दबाव कम किया जा सके। अधिक जरूरी ट्रांजैक्शनों को प्राथमिकता मिल सके। सभी यूज़र्स को तेज़ और सुरक्षित सेवा मिल सके।
- बैलेंस चेक करने की आदत को नियंत्रित करें।
- अनावश्यक रूप से कई बार चेक करने से बचें।
- बैलेंस की जानकारी के लिए बैंक एसएमएस या मोबाइल बैंकिंग का भी विकल्प चुन सकते हैं।
कुछ यूज़र्स का मानना है कि यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे यूपीआई सिस्टम और बेहतर व स्थिर हो सकेगा, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि जिनकी ट्रांजैक्शन गतिविधि ज़्यादा है, उनके लिए यह सीमा कभी-कभी असुविधाजनक हो सकती है।
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