पुत्र कुपुत्र भले हों पर माता कुमाता नहीं होती- मोहन द्विवेदी
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। नगर के ख्यातिप्राप्त विद्यालय जी एम एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नवरात्रि का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया गया। नवरात्रि पर प्रतिदिन मां के अलग-अलग रूपों की झांकी के दर्शन हुए। इस क्रम में यूकेजी की नन्हीं मुन्नी छात्राओं ने डांडिया नृत्य प्रस्तुत कर सबको स्वाभाविक रूप से आकर्षित कर लिया तो एलकेजी की छात्राओं ने गरबा नृत्य पर सबको झूमने पर बाध्य किया। स्तुति कुशवाहा के भाषण ने कार्यक्रम की गंभीरता में चार चांद लगा दिया तो श्रद्धा गुप्ता का नृत्य भी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रह गया।
नर्सरी और एलकेजी की छात्राएं प्रज्ञा, अनन्या, माध्वी, विंध्यवासिनी, अंशी, इशिका आदि ने नन्हें हाथों से मां के कदमों के निशान बनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया तो प्रियांशी, रोशनी, जान्हवी, स्वर्णिमा, अविका, मानसी, समृद्धि, नाव्या, सौभाग्या, हैपी,अमित,अंकित और उज्जवल ने क्रमशः सिद्धिदात्री, काली, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, महागौरी, महिषासुर, असुर और ब्रह्मदेव का रोल कर महिषासुर मर्दन का मंचन कर सबको भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम मातारानी के जयकारों से गूंज उठा। विद्यालय के ऐसे भक्तिमय माहौल को सबने खूब सराहा।
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विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन द्विवेदी ने कहा कि आदिशक्ति जगदम्बा सबका कल्याण करने वाली हैं, समस्त जीव मां की कृपा के पात्र हैं। पुत्र कुपुत्र भले हों, पर माता कुमाता नहीं होती। इन नन्हें मुन्ने छात्र छात्राओं ने अपनी प्रस्तुतियों से हम सबको भावविभोर कर दिया।
इस मौके पर विद्यालय के समस्त अध्यापक, अध्यापिकाएं एवं नन्हें मुन्ने छात्र, छात्राएं थे।
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