December 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

देश में कौमी एकता, प्रेम सौहार्द का विकल्प है, शान्ति सद्‌भावना मंच-रामकिशोर चौहान

भलुअनी/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
भारतीय सामाजिक संस्थान लोधी रोड़ नई दिल्ली के
प्रयास से देश के सात राज्यो सहित उत्तर प्रदेश में चलाये जा रहे, शान्ति सद्भावना मंच’ जनपद-देवरिया के ग्राम-पंचायत – कुईया पो० टेकूआ विकास खण्ड – भलुअनी के निवासी जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता मंच के स्टेट कोआर्डिनेटर (राज्य समन्वयक) रामकिशोर चौहान द्वारा अपने जनपद देवरिया में कौमी एकता, प्रेम व सौहार्द के उद्देश्य को सामाजिक बिकल्प के रूप में ‘शान्ति सद्‌भावना मंच से जन तक पहुँचाने के लिए अग्रसर है। हासिये पर खड़े बचित समुदायों में आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक, महिलाऐं , बच्चे, सबसे कमजोर लोग जो अक्सर संघर्ष और हिंसा के शिकार होते है। उनमें भारतीय संविधान के मूल्यों के प्रति प्रस्तावना, मूल कर्तव्य, मौलिक अधिकारों, राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गान, राष्ट्रीय आन्दोलन, देश में समता मूलक समाज निर्माण में योगदान देने वाले महापुरुषों के उच्च विचार, आदर्शो सहित शान्ति, एकता और संस्कृति को बढावा देने के लिए प्रत्यशील है। शांति निर्माण में समान विचार रखने वाले अन्य संगठनों के साथ तालमेल बनाकर राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता रहा है। विद्यार्थियों और युवाओं के बीच शांति-शिक्षा को बढ़ावा देना, छात्रो के बीच संघर्ष समाधान, पर्यावरण संरक्षण, जाति और लिंग भेदभाव के खिलाफ संवेदनशील, समुदायों के साथ साकारात्मक सोच, व्यवहार में बदलाव लाना, स्कूल और ग्राम सभा के समुदाय में शांति व सौहार्द को बढ़ाने, सिविल सोसायटी, नागरिक और नीति निर्माताओं के बीच माहौल बनाना, जिससे विश्वास निर्माण, विविधता की सराहना मंच के नीतियों को शान्ति-निर्माण प्रक्रिया को सक्षम बनाना, भारत की प्रभुत्ता, एकता और अखण्डता को बनाये
रखने के लिए विभिन्न समुदाय और सम्प्रदाय के लोगो के सहभागिता में, दिपावली मिलन, क्रिसमस डे मिलन, सर्व धर्म सम्मेलन, बालमहोत्सव, नागरिक मंच के समुदायो, विद्यार्थियों, विद्यालय के अध्यापकों के साथ प्रशिक्षण देकर भारत की साझा संस्कृति, साझा विरासत, गंगा जमुनी तहजीब को बनाये रखने के लिए साकारात्मक सोच और व्यवहार के द्वारा विभिन्न जाति और धार्मिक समुदायों की संयुक्त पहल, इलेक्ट्रानिक मिडिया, अखबारों में प्रकाशित समाचार और लेखों से जन जागरूकता पैदा किया जा रहा है, और जनता को इससे प्रभावित किया जा रहा है जो मिल का पत्थर साबित हो रहा है