पैसा और वक्त दोनों ही मूल्यवान हैं,
जीवन में दोनों की बड़ी अहमियत है,
दोनों में फ़र्क़ बस इतना होता है कि
हमारे पास पैसा कितना है हमें पता है।
परंतु हमारे पास वक्त कितना बचा है
शायद किसी को पता नहीं होता है,
इसलिए पैसे का उपभोग खूब करो,
पर वक्त का सदैव सदुपयोग करो।
फिर चाहे पैसा हो, चाहे वक्त हो,
दोनो में अगर जीत होती है तो हमें
आगे बढ़ने का अवसर मिलता है,
जीवन में ख़तरे लेना ही पड़ता है।
अगर दोनों व्यर्थ हो जाते हैं तो आगे
बढ़ बाधा हटाने का मौक़ा मिलता है,
इसीलिए वक्त रहते पैसा कमाना है,
और दोनों का हर सदुपयोग करना है।
पैसा और वक्त दोनों का ही हमारे
संस्कारों से गहरा नाता होता है,
दोनों ही सुसंस्कार देते भी हैं और
दोनों संस्कार विहीन भी कर देते हैं।
संस्कार परिवार समाज से अलग
नहीं जुड़कर रहने से ही मिलते हैं,
जैसे पत्थर तभी तक साबुत होते हैं
जब तक पर्वत से जुड़े हुये रहते हैं।
पत्ते तब तक हरे रहते हैं जब तक
वह पेड़ की डाली से लगे रहते हैं,
इंसान भी तभी तक सशक्त होते हैं
जब तक घर समाज से जुड़े रहते हैं।
पैसा, वक्त, संस्कार व परिवार
सभी समाज के लिए ही होते हैं,
आदित्य इनका जितना सदुपयोग
किया जाय उतने उपयोगी होते हैं।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘ आदित्य’,
लखनऊ
मेरठ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तर प्रदेश के मेरठ में पुलिस ने गढ़ रोड स्थित सम्राट…
प्रतीकात्मक पौड़ी (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)उत्तराखंड के पौड़ी जिले के चौबट्टाखाल क्षेत्र में एक दिल…
देवरिया, (राष्ट्र की परम्परा)पुलिस अधीक्षक देवरिया विक्रान्त वीर के निर्देशन में रविवार की सुबह 5…
हरदोई (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पुलिस ने एक सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए बताया…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। पुलिस अधीक्षक देवरिया विक्रान्त वीर के निर्देशन में रविवार की सुबह…
आरा (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार पुलिस ने शनिवार को भोजपुर जिले के शाहपुर इलाके…