Tuesday, October 14, 2025
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ग्राम पंचायतों में मनरेगा भुगतान अटका मजदूर परेशान

भागलपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। उत्तर प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत कराए गए निर्माण कार्यों का भुगतान लंबे समय से लंबित है। इस वजह से मजदूरों और आपूर्तिकर्ताओं को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों में मनरेगा से इंटरलॉकिंग सड़क, आंगनबाड़ी भवन, सामुदायिक भवन, शौचालय और स्कूल भवन जैसी परियोजनाएं कराई गई हैं, लेकिन इन कार्यों का भुगतान कई माह से अटका हुआ है। नतीजतन, मजदूरों को उनकी मेहनताना राशि समय पर नहीं मिल पा रही है। ग्राम प्रधानों और स्थानीय प्रतिनिधियों का कहना है कि शासन-प्रशासन की उदासीनता से यह स्थिति बनी है। यदि जल्द ही भुगतान नहीं हुआ तो आगे के विकास कार्य प्रभावित होंगे और मनरेगा की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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ग्राम प्रधान संगठन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर पांडे ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि— ग्राम प्रधानों के खिलाफ शिकायत शपथपत्र के आधार पर ही स्वीकार की जाए।
मनरेगा से जुड़े सभी भुगतान सर्वोच्च प्राथमिकता से किए जाएं।
उत्तर प्रदेश के सभी ग्राम प्रधानों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
ग्राम प्रधानों के खिलाफ एफ.आई.आर. दोष और साक्ष्य के आधार पर ही दर्ज हो। ग्राम प्रधान विवेकाधीन कोष की स्थापना की जाए।
केंद्र सरकार की वित्तीय किस्त शीघ्र भेजी जाए। जल जीवन मिशन के अंतर्गत खुदी सड़कें, रास्ते और नालियां तत्काल ठीक कराई जाएं।
संगठन मंत्री के राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संघ के डॉ. जनार्दन कुशवाहा ने बताया कि इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सभी जिलाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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