पकड़ी वन रेंज के कटहरा और जगपुर बीट का मामला
महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)। किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने हेतु जंगल के किनारे तार बाड़ा, लकड़ी की बैरिकेटिंग या सुरक्षा खाई अथवा अन्य वैकल्पिक प्रबन्ध किये जाने एवं वन विभाग महराजगंज द्वारा गलत और भ्रामक सूचना देने के परिप्रेक्ष्य में सक्षम अधिकारी से जांच कराकर दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए समाजसेवी उमेश चन्द्र मिश्र ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
प्राप्त समाचार के अनुसार सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत बागापार निवासी समाजसेवी उमेश चन्द्र मिश्र ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से बचाने हेतु जंगल के किनारे तार बाड़ा, लकड़ी की बैरिकेटिंग, सुरक्षा खाई अथवा अन्य वैकल्पिक प्रबन्ध किये जाने एवं वन विभाग महराजगंज द्वारा गलत और भ्रामक सूचना देने के परिप्रेक्ष्य में सक्षम अधिकारी से जांच कराकर दंडात्मक कार्यवाही करने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि किसान कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन करते हैं। गांव से सटा हुआ पकड़ी रेंज का वन क्षेत्र आच्छादित है जो न्याय पंचायत बागापार के कटहरा, बेलवा काजी, विजयपुर, बरगदवा राजा, जगपुर ऊर्फ सलामतगढ़, केवलापुर खुर्द, बड़हरा राजा परासखाड़ लगभग 10 किमी. होते हुए आगे तक घने वृक्षों व जानवरों से आच्छादित है। इन ग्राम पंचायतों से सटे हुए वन क्षेत्र की सीमाएं खुली हुयी हैं। जिससे आए दिन जंगली जानवरों से उपरोक्त गांवों के किसानों के फसलों को भारी नुकसान पहुँचाया जाता है। हिंसक जानवरों के हमलों के कारण किसान खेतों की रखवाली करते समय घायल हो जाते हैं। और पूर्व में कई किसान मृत भी हो चुके हैं। इस समस्या के सम्बन्ध में समय-समय पर वन विभाग और अन्य अधिकारीयों से जंगल के किनारे तार बाड़ा लगाने, सुरक्षा खाई खोदने या अन्य वैकल्पिक प्रवधान करने सम्बन्धित प्रार्थना पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाता रहा है।परन्तु विभाग द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। ऐसी परिस्थिति में फसलों को जंगली जानवरों से सुरक्षा, जान माल की रक्षा हेतु जंगल के किनारे तार बाड़ा लगाकर या सुरक्षा खाई की खुदाई करवा कर अथवा लकड़ी के बैरिकेटिंग करके या अन्य कोई बैकल्पिक प्रबन्ध किया जाना नितान्त आवश्यक है। इसके साथ साथ समस्या के सम्बन्ध में वन विभाग से जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही की सूचना मांगी गयी थी। जिसमें विभाग द्वारा 27 नवंबर 2024 को उपलब्ध करायी गयी सूचना वन विभाग द्वारा वन सीमा व कृषि क्षेत्र के बीच सुरक्षा खाई की खुदाई कार्य करने की बात कही गयी। वही पुनः उपरोक्त सूचना के सापेक्ष पुनः सूचना मांगने पर 21 फरवरी 2025 को दिये गये सूचना के अनुसार विभाग द्वारा 25 वर्षों से कोई भी सुरक्षा खाई की खुदाई कार्य नहीं किये जाने की सूचना दी गयी है। मिश्र ने जिलाधिकारी से
गलत और भ्रामक सूचना देने के सम्बन्ध में जांच करवा कर दोषियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने का मांग किया है।
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