पक्षकारों के बीच सार्थक बातचीत करने के दिए निर्देश
संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। जनपद न्यायाधीश मोहन लाल विश्वकर्मा के निर्देशन में अपर जनपद न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ गोस्वामी द्वारा मध्यस्थता एवं सुलह समझौता केंद्र में कार्यरत एडवोकेट मीडिएटर्स के साथ संगोष्ठी आयोजित की गई।
अपर जिला जज देवेन्द्र नाथ गोस्वामी ने मध्यस्थता प्रक्रिया को विवाद समाधान का सबसे सरल, त्वरित और प्रभावी माध्यम बताते हुए कहा कि न्यायालयों में लंबित मामलों के निस्तारण में मध्यस्थता की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि वैवाहिक विवाद, दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउन्स, वाणिज्यिक विवाद, सेवा विवाद, शमनीय आपराधिक मामले, ऋण वसूली, उपभोक्ता विवाद, संपत्ति बंटवारा, बेदखली तथा भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ मध्यस्थता के माध्यम से निपटाया जाए।
अपर जिला जज ने सभी मध्यस्थगण को निर्देशित किया कि केंद्र में आने वाले प्रत्येक मामले में पक्षकारों को समय पर सूचित किया जाए तथा नोटिस, फोन कॉल या अन्य माध्यमों से उन्हें उपस्थित होने हेतु प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि पक्षकारों के बीच सार्थक बातचीत कराना ही मध्यस्थता का मुख्य उद्देश्य है, जिससे विवाद सौहार्दपूर्वक समाप्त हो सके।
संगोष्ठी में एडवोकेट मीडिएटर सरोज बाला पांडेय, राम अनुज राय, अरुण कुमार श्रीवास्तव, संजीव कुमार, मुनीर अहमद, अनिल कुमार दुबे, परसुराम यादव, सरफ़राज़ नवाज़ आलम, अभय कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य मध्यस्थ उपस्थित रहे।
