
सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परंपरा)। नगर पंचायत सलेमपुर द्वारा पटरी व्यवसायियों को पुनर्स्थापित करने के लिए चिन्हित की गई भूमि को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह भूमि उपनगर स्थित ओवरब्रिज के नीचे की है, जिसे खाली कराकर नगर पंचायत कार्यालय के समीप दुकानों के लिए आवंटित किया गया था। यहां कर्टेन व शेड निर्माण का कार्य भी प्रारंभ हो गया था, लेकिन रेलवे ने इस पर आपत्ति जताई है।
बुधवार को ईस्ट मऊ के रेलवे एडीएम आनंद यादव, सीनियर सेक्शन इंजीनियर दिलीप कुमार सिंह, एसआई सुरेन्द्र प्रसाद, नायब तहसीलदार गोपाल जी तथा राजस्व विभाग की टीम की मौजूदगी में चार घंटे तक पैमाइश की गई। पहली पैमाइश में यह स्पष्ट हुआ कि निर्माणाधीन स्थल का लगभग 60% हिस्सा रेलवे की भूमि में आता है। अधिकारियों को शंका थी कि कुछ और हिस्सा भी प्रभावित हो सकता है, जिसके कारण दूसरी बार भी पैमाइश कराई गई।
नगर पंचायत द्वारा जहां व्यवसायियों को पुनर्वासित किया जा रहा है, वहां कर्टेन व बाउंड्री वॉल का कार्य प्रगति पर था, जिसे अब फिलहाल रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, रेलवे की भूमि उत्तरी ढाले से लेकर नजीर पिपरा वार्ड तक लगभग 2600 फीट लंबी व 700 फीट चौड़ी है। दक्षिणी ढाले से स्टेशन की ओर यह भूमि दाहिने ओर 135 फीट और बाएं ओर 145 फीट तक फैली हुई है। इस दायरे में निर्माण कार्य करना रेलवे नियमों के विरुद्ध माना गया है।
फिलहाल नगर पंचायत और रेलवे अधिकारियों के बीच समन्वय की कोशिश की जा रही है ताकि पटरी व्यवसायियों के पुनर्वास का हल निकल सके।
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