मऊ (राष्ट्र की परम्परा)। मऊ जनपद की बेटी डॉ. शाहीन ने अपनी मेहनत, लगन और हौसले के दम पर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे मऊ जनपद का नाम रोशन किया है। शाहीन की यह उपलब्धि हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपनों को साकार करने का हौसला रखती है।
मऊ की शान — डॉ. शाहीन की सफलता की कहानी
मऊ शहर के मोहल्ला चांदपुरा निवासी साड़ी व्यवसायी इश्तेयाक अहमद की बेटी डॉ. शाहीन ने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अलफलाह स्कूल, मऊ से प्राप्त की और तालीमुद्दीन इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान (Psychology) में पीएचडी की उपाधि हासिल की।
ग्वालियर OTA से ट्रेनिंग लेकर बनीं लेफ्टिनेंट
शिक्षा और अनुशासन के इस अद्भुत संगम के बाद डॉ. शाहीन ने ग्वालियर स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) से सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया।
प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट की रैंक प्रदान की गई।
“हर बेटी में है देश की ताक़त, बस ज़रूरत है हौसले की”
डॉ. शाहीन की यह उपलब्धि समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने साबित किया कि यदि इरादा मजबूत और हौसला बुलंद हो तो कोई भी सपना असंभव नहीं।
उनकी यह सफलता पूरे जनपद में गर्व और खुशी का विषय बनी हुई है।
परिवार और पृष्ठभूमि
डॉ. शाहीन के पिता इश्तेयाक अहमद हैदराबाद में साड़ी के व्यवसाय से जुड़े हैं, जबकि परिवार का स्थायी निवास छोटी कम्हरिया, मऊ में है।
तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ी डॉ. शाहीन आज मऊ की पहचान बन चुकी हैं।
प्रेरणादायक संदेश
डॉ. शाहीन की उपलब्धि यह संदेश देती है कि —
“अगर सपनों को पाने की लगन हो और हौसला मजबूत, तो मंज़िलें खुद रास्ता दिखा देती हैं।”