
मीडिया के सामने शहीद के परिवार का छलका दर्द
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा) । पयागपुर थाना हुजूरपुर
सन 1999 में हुए भारत-पाक युद्ध में शहीद बलिकरन का परिवार आज भी सरकारी उपेक्षा का शिकार हो रहा है।
आपको बताते चले सन 1999 में भारत पाकिस्तान,कारगिल युद्ध में सुबेदार बलिकरन शहीद हो गए थे, जब उनका पार्थिव शरीर बहराइच जिले के हुजूरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बसंतापुर पहुंचा तो उस समय जिले के आला अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, और वहां शहीद के नाम पर बहुत सारी घोषणाएं की गई लेकिन आलम यह है 23 वर्ष बीत जाने के बाद भी शहीद के घर जाने के लिए सुगम मार्ग नहीं है।
चारों तरफ से रास्ते बंद है सर्फ कच्ची सड़क ही बनी है, जो बरसात के समय बहुत ही बदहाल स्थिति में हो जाती है। आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस के रूप में मना रहा है।,वही मीडिया के पहुँचने पर शहीद सुबेदार बलिकरन की पत्नी एवम उनके दिव्यांग बेटे सुनील कुमार सिंह ने कहा कि हमारे घर के चारों तरफ रास्तों को गांव के दबंगों द्वारा अवरुद्ध कर दिया गया है व मेरे घर तक पहुंचने का कोई पक्का मार्ग आज तक नहीं बनवाया गया। अधिकारियों से अगर इस संबंध में बात की जाती है तो कोई समुचित जवाब या उचित कार्रवाई नहीं की जाती है।दिव्यांग बेटे सुनील कुमार ने बताया कि उस वक्त जब पिता शहीद हुए थे तो सरकार व जिले के हुक्मरानों के द्वारा बड़े-बड़े वादे किए गए थे लेकिन आज की हकीकत यह है कि हम लोग अपने आपको बेसहारा समझ रहे हैं हमारे दुख दर्द को कोई देखने व निस्तारण करने वाला कोई नहीं है।
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