सीरिया/वॉशिंगटन (राष्ट्र की परम्परा)। अमेरिका ने एक बार फिर इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान छेड़ दिया है। मध्य सीरिया के पल्मायरा क्षेत्र में हुए घातक हमले में तीन अमेरिकी नागरिकों की मौत के बाद पेंटागन ने कड़ा जवाब देते हुए व्यापक एयरस्ट्राइक की है। इस अभियान को ‘ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक’ नाम दिया गया है, जिसका उद्देश्य ISIS के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना बताया जा रहा है।
अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हमले के बाद कार्रवाई
पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि 13 दिसंबर को सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर हुए हमले में दो अमेरिकी सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि तीन सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसी हमले के जवाब में यह सैन्य कार्रवाई शुरू की गई।
उन्होंने कहा कि अमेरिका अपने नागरिकों और सैनिकों पर हमले को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा और हमलावरों को दुनिया के किसी भी कोने में ढूंढकर खत्म किया जाएगा।
70 से ज्यादा आतंकी ठिकानों पर हमला
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, ऑपरेशन के तहत मध्य सीरिया में ISIS से जुड़े करीब 70 ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें आतंकियों के छिपने के अड्डे, हथियार भंडारण केंद्र और ट्रेनिंग कैंप शामिल थे। पेंटागन ने संकेत दिए हैं कि हालात के अनुसार आने वाले दिनों में और भी सैन्य कार्रवाई की जा सकती है।
इन घातक हथियारों का हुआ इस्तेमाल
इस अभियान में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने अत्याधुनिक सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया।
एयरस्ट्राइक में F-15 ईगल फाइटर जेट, A-10 थंडरबोल्ट अटैक एयरक्राफ्ट, AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर और HIMARS रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा जॉर्डन के F-16 लड़ाकू विमानों ने भी ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई।
ट्रंप की आतंकियों को सख्त चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये हमले ISIS के मजबूत गढ़ों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी आतंकी संगठन अमेरिका पर हमला करने या धमकी देने की कोशिश करेगा, उसे पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक जवाब दिया जाएगा।
ट्रंप ने सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा के प्रति समर्थन भी दोहराया।
असद के बाद बदले अमेरिका-सीरिया संबंध
बशर अल-असद के सत्ता से हटने के बाद अमेरिका और सीरिया के रिश्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। हाल ही में अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शारा ने वॉशिंगटन का दौरा किया और अमेरिकी नेतृत्व से मुलाकात की। यह 1946 के बाद पहली बार हुआ है जब किसी सीरियाई राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस का दौरा किया।
