काठमांडू (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। नेपाल में संपत्ति शुद्धीकरण अनुसंधान विभाग (Department of Money Laundering Investigation) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों — शेरबहादुर देउबा, केपी शर्मा ओली और पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ — की चल-अचल संपत्तियों की जांच शुरू की है।
विभाग ने इन नेताओं के साथ पूर्व विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा (शेरबहादुर देउबा की पत्नी) और पूर्व मंत्री दीपक खड्का के खिलाफ भी जांच शुरू की है। आरोप है कि इन नेताओं ने सार्वजनिक पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित की।
जांच के दायरे में शेरबहादुर देउबा के बेटे जयवीर सिंह का नाम भी शामिल है। विभाग ने इन सभी नेताओं और उनके परिवारजनों के नाम पर दर्ज बचत खातों, निवेश, कंपनियों और कारोबार से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए नेपाल राष्ट्र बैंक, नेपाल धितोपत्र बोर्ड, कंपनी रजिस्ट्रार कार्यालय और भूमि अभिलेख विभाग से पत्राचार किया है।
जले हुए नोटों का मामला भी जांच में शामिल
अधिकारियों के अनुसार, जेन-जी आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने देउबा, प्रचंड और दीपक खड्का के घरों में आगजनी की थी। घटना के बाद जले हुए नोटों और राख के टुकड़े बरामद हुए थे। विभाग ने अब उन जले नोटों के नमूने और वीडियो साक्ष्य मांगे हैं।
जांच एजेंसी के अनुसार, मनी लांड्रिंग जांच में आरोपी व्यक्ति के साथ उसके परिवार और ससुराल पक्ष की तीन पीढ़ियों तक की संपत्ति और कारोबार की भी जांच की जाती है।
यह कार्रवाई नेपाल की राजनीति में भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति जांच की दिशा में सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।