बलिया (राष्ट्र की परम्परा)। सिकन्दरपुर कस्बा शुक्रवार को भक्ति, शौर्य और परंपरा के अद्भुत संगम का गवाह बना। परंपरागत महावीरी झंडा जुलूस इस वर्ष एक भव्य और ऐतिहासिक स्वरूप में निकाला गया, जिसे देखकर हर किसी की जुबान पर एक ही बात थी — “मानो हम पुरी के रथयात्रा में हों।” श्रद्धालुओं और दर्शकों की भीड़ से कस्बा गुलजार रहा। जुलूस में दिखी जगन्नाथपुरी की छवि इस बार का महावीरी झंडा जुलूस जगन्नाथपुरी की रथयात्रा की तर्ज़ पर आयोजित किया गया, जिसमें भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा, भाई बलराम, और स्वयं जगन्नाथ जी की आकर्षक झांकियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। इसके अलावा हनुमान जी, वीरभद्र, शंकर-पार्वती, काल भैरव, काली मां, शिव-तांडव, और राम-सीता लक्ष्मण जैसी 32 से अधिक भव्य और जीवंत झांकियों ने श्रद्धालुओं को अध्यात्मिक उत्साह से सराबोर कर दिया।डीआईजी ने दिया सुरक्षा का भरोसा जुलूस प्रारंभ होने से पहले तुलसी पैलेस में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें डीआईजी श्री सुनील कुमार सिंह ने जनपद और गैर जनपद से आए हुए पुलिसकर्मियों को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि जुलूस के दौरान कानून-व्यवस्था सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में बलिया के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी, CO, थानाध्यक्ष, सर्किल ऑफिसर, महिला पुलिस अधिकारी, PAC जवान, होमगार्ड और खुफिया विभाग के सदस्य भी मौजूद रहे। डीआईजी ने कहा – “यह आयोजन आस्था और एकता का प्रतीक है। हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि श्रद्धालु निर्भय होकर भाग लें और व्यवस्था में कोई चूक न हो।”शांति और उल्लास के बीच निकला जुलूस
जुलूस की शुरुआत शंखध्वनि, ढोल-नगाड़े और जयकारों के साथ हुई। अखाड़ों के युवाओं ने तलवारबाजी, लाठी चलाना, अग्नि से खेलना जैसे कई रोमांचक करतब दिखाए, जिन्हें देखकर लोग रोमांचित हो उठे। महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग — सभी की भागीदारी देखने लायक रही। व्यापारियों ने जगह-जगह जलपान की व्यवस्था की, तो श्रद्धालुओं ने फूल वर्षा कर झांकियों का स्वागत किया। ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी प्रशासन ने सुरक्षा में कोई कोताही नहीं बरती। पूरे मार्ग पर ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी की निगरानी रही। पुलिस के जवान प्रत्येक प्रमुख चौराहे और जुलूस मार्ग पर मुस्तैदी से तैनात रहे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस की अलग से तैनाती की गई थी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की टीम भी में रही। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसालजुलूस के आयोजन में सभी समुदायों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन सांप्रदायिक सौहार्द और गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल बन गया। आयोजकों, पुलिस प्रशासन और नगरवासियों की संयुक्त भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि यह पर्व सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक एकता का उत्सव भी बने।
निष्कर्ष: महावीरी झंडा जुलूस ने सिकन्दरपुर को आस्था, संस्कृति और भाईचारे के रंग में रंग दिया। ऐसा प्रतीत हुआ मानो जगन्नाथपुरी की रथयात्रा सिकन्दरपुर की गलियों से गुजर रही हो। प्रशासन की चुस्ती, जनता की सहभागिता और श्रद्धा का संगम इस आयोजन को लंबे समय तक यादगार बना देगा।
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