
देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)महर्षि वाल्मीकिनारायणी जन्मोत्सव गोरखपुर रोड देवरिया पर हिरा मास्टर के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रांत उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम मरोदिया ने कहा कि वाल्मीकि, संस्कृत रामायण के प्रसिद्ध रचयिता हैं जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। जिला अध्यक्ष उपेंद्र शाही ने कहा कि बाल्मीकि ज़ी संस्कृत मे रामायण की रचना की। प्रांत धर्माचार्य प्रमुख वंशराज पांडेय ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। विभाग अध्यक्ष भरत अग्रवाल ने कहा की रामायण एक महाकाव्य है जो कि राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से, परिचित करवाता है। जिला उपाध्यक्षा पूनम मिश्रा ने कहा कि आदिकवि शब्द ‘आदि’ और ‘कवि’ के मेल से बना है। ‘आदि’ का अर्थ होता है ‘प्रथम’ और ‘कवि’ का अर्थ होता है ‘काव्य का रचयिता’। नगर अध्यक्ष डॉक्टर एस के अग्रवाल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि अंतर्यामी थे जो कालखंड के पहले ही रामायण लिख दी थी |कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं हीरा मास्टर ने कहा कि वाल्मीकि ने संस्कृत के प्रथम महाकाव्य की रचना की थी, जो रामायण के नाम से प्रसिद्ध है।दरोगा भारती ने कहा कि प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये।वाल्मीकि आदिकवि थे ।कार्यक्रम का संचालन जिला मंत्री राम सिंह ने किया |इस अवसर पर सुमन तिवारी, पूनम सिंह, सदभावना, पुनिता, जानकी, ज्ञानती,नंदकिशोर सिंह,जयशिव मिश्रा, अवधकिशोर त्रिपाठी,दीपक सिंह,,रामप्रवेश बरनवाल, राधेश्याम चौबे, व्यास मिश्रा, डॉ एस के मद्देशिया, दिनेश्वर, अशोक कुशवाहा, कमलेश सिंह, राजेश अग्रवाल, बाबूराम सिंह, निर्भय शाही गिरधारीलाल अग्रवाल, नरेन्द्र चौहान, उमेश चंद, शेषनाथ मिश्र अभिषेक मौर्या,रणजीत कुशवाहा, इत्यादि सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।