January 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

पिता को रोने पर मजबूर कर दिया

पगड़ी उछल रही थी,

दहेज और गरीबी

बलिया(राष्ट्र की परम्परा)

डोली थी उठने वाली.

बेटी सिसक रही थी.

पिता को रोने पर मजबूर कर दिया,

पगड़ी उछल रही थी,

डोली थी उठने वाली.

टीना टीना युगल,

पाई पाई बचाओ,

अपने से ऊँचे घर में,

बेटी को अपनी बेटी,

डोली थी उठने वाली.

पर्याप्त से अधिक,

अपनी बेटी को अपना बनाओ,

दुखी होकर चला गया था,

ताना सुन रहा था,

डोली थी उठने वाली.

घुट घुट के जो रह रहा था

पुच था,

हिंसा का तूफ़ान,

यह बढ़ता जा रहा था.

डोली थी उतने वाली

बेटी सिसक रही थी.

सीमा त्रिपाठी