सादुल्लानगर/बलरामपुर (राष्ट्र की परम्परा)। शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर जनपद के विभिन्न स्थानों पर रखी दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ देर रात्रि तक किया गया। शनिवार को 10 दिवसीय पूजनोत्सव का समापन हुआ। दुर्गा पूजा पंडालों में विराजमान मां भगवती दरबार की मूर्तियों का विभिन्न घाटों में विसर्जन किया गया। वाहनों पर प्रतिमाओं को सजाकर भक्ति गीतों की धुन पर नाचते गाते शोभायात्रा के साथ ले जाया गया। कुछ प्रतिमाओं का कुशमौरा घाट, सुंदर घाट, पिपरा घाट तो कुछ अयोध्या धाम में वैदिक रीति रिवाज से प्रतिमाओं को विसर्जित किया। जय माता दी के जयकारे से नगर गुंजायमान रहा। बड़ी संख्या में नवयुवक डीजे की धुन पर झुम रहे थे। भक्ति गीतों की धुनों पर महिलाएं बच्चे भी थिरक रहे थे। भगवा ध्वज लहराते, चुनरी माथे पर बांधे नवयुवक सजे रथों के आगे-आगे चल रहे थे। भजन-कीर्तन और बैंडबाजों, डीजे संग शोभायात्रा नगर के विभिन्न सड़कों,चौराहों से होता हुआ गंतव्य की ओर समारोह पूर्वक ले जाया जा रहा था। जगह-जगह रथों पर सजी झांकियों के दर्शन के लिए नगरवासी घरों से निकल पड़े थे। माताओं और बहनों ने भवनों के छज्जों से शोभायात्रा का दर्शन कर रही थी। प्रत्येक झांकी के साथ रंग गुलाल उड़ाते भजन की धुनों पर नाचते गाते भक्तों की टोली भगवती को विदा करने सड़क पर उतरी थी। एक विशाल शोभायात्रा नगर का भ्रमण किया। सड़क पर हर जगह दुर्गा माता की झांकी के दर्शन पूजन के लिए लोग सड़कों पर खड़े थे। घंटा-घड़ियाल, शंखध्वनि के साथ श्रद्धालु मूर्ति विसर्जन के लिए श्रद्धा, निष्ठा के साथ जा रहे थे। जगह-जगह प्रसाद वितरण के साथ मां भगवती की झांकी चल रही थी। शारदीय नवरात्र की नवमी के दिन शुक्रवार को माता का अनुष्ठान व्रत पूर्ण हो गया था। शनिवार को परंपरा के अनुसार नगर भ्रमण कर सादुल्ला नगर हनुमानगढ़ी चौराहे पर रावण का दहन कर स्थापित मूर्तियों को देर रात्रि अयोध्या धाम में विसर्जन के लिए ले जाया गया। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रही।
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