Monday, December 22, 2025
HomeUncategorizedराष्ट्रीयलंपी स्किन डिजीज वायरस: लक्षण और बचाव

लंपी स्किन डिजीज वायरस: लक्षण और बचाव

संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। पूर्वांचल ही नहीं देश की एक बड़ी आबादी पशुपालन से जुड़ी हुई है। ऐसे में पशुओं की एक नई बीमारी लम्पी त्वचा रोग ने सभी को परेशान कर रखा है। इस वायरस जनित रोग की चपेट में आने से अब-तक हजारों पशु असमय काल के गाल में समा गए हैं। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार 50 हजार से अधिक गायों और भैंसों की मृत्यु हो चुकी है और लाखों पशु लंपी वायरस की चपेट में है। कुछ राज्यों में इसका असर बहुत अधिक है। सरकारें अपनी तरफ से आवश्यक कदम उठाए रही हैं। जानकारों के अनुसार अभी तक लंपी वायरस का कोई कारगर एंटीडोज तैयार नहीं हुआ है। जिससे से बड़ी संख्या में पशुओं की मृत्यु हुई है। देश पहली बार 2019 में लंपी वायरस का प्रकोप देखने को मिला था।
वायरस जनित लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ या एलएसडीवी (LSDV ) कहा जाता है। जो एक संक्रामक बीमारी है। यह एक संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है। यह कैप्रिपॉक्स वायरस नामक वायरस से होता है। जिसका संबंध गोट फॉक्स और शीप पॉक्स वायरस के परिवार से है।
विशेषज्ञ की की मानें तो यह मच्छरों के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए पशुओं को होती है।
लंपी स्कीन डिजीज के प्रमुख लक्षण
• संक्रमित पशु को बुखार आना
• पशुओं के वजन में कमी
• पशुओं की आंखों से पानी टपकना
• लार टपकना
• शरीर पर दाने निकलना
• दूध का कम होना
• भूख में कमी व अन्य कई
बचाव
• संक्रमित पशु को अलग अर्थात कोरेण्टीन करना
• उनके रहने के स्थान की साफ सफाई रखें
• मच्छरों को भगाने के उपाय करें।
• संक्रमित पशु को गोट पॉक्स या अन्य वैक्सीन लगवाएं।
• पशुओं को चिकित्सक द्वारा बताये गए दवा आदि दे सकते हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments