बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
इस सुंदर संसार में मानव प्रेम केवल परिवार तक ही सीमित नहीं रहता है बल्कि मानव पशु पक्षियों से भी प्रेम करता है इस पृथ्वी पर सभी प्राणियों में मानव को श्रेष्ठ प्राणी कहा गया है मानव का प्रेम भाव ही उसे अन्य प्राणियों से श्रेष्ठ बनाता है वास्तव में मानव जीवन प्रेम पर आधारित है किसी व्यक्ति में किसी अन्य व्यक्ति के लिए स्नेह सुरक्षा और सम्मान का भाव ही प्रेम का स्वरूप होता है। परमात्मा ने सृष्टि का निर्माण करते समय प्रेम को हर जीव के भीतर उत्पन्न किया मानव प्रेम ही सच्चा धर्म है मानव तो सिर्फ मानव है भेदभाव तो इस दुनिया के लोगों ने करना सिखाया है जाति धर्म संप्रदाय में बैठकर एक दूसरे के प्रति भेदभाव उत्पन्न करके प्रेम को समाप्त किया जा रहा है सच्चा प्रेम वही होता है जो ना बढ़ता है या घटता है सच्चा प्रेम उसी व्यक्ति में हो सकता है जिसने आत्मा को जान लिया है वास्तव में मानव जीवन प्रेम पर आधारित है प्रेम ही मनुष्य को जीवन जीने की प्रेरणा देता है मनुष्य को प्रेम के कारण ही यह संसार सुंदर दिखता है मानव प्रेम के अभाव में इस पृथ्वी पर जीवन व्यतीत कर पाना मनुष्य के लिए दुर्लभ है मनुष्य को सभी जीवो से प्रेम करना चाहिए सत्य कर्म करना चाहिए परोपकार जितना हो सके करना चाहिए मानव का मानव से प्रेम सबसे बड़ा धर्म है हम उस देश में रहते हैं जहां विभिन्न प्रकार के लोग हैं हम सभी देशवासियों के बीच एकता व प्रेम की भावना होनी चाहिए और हमें अपने देश पर गर्व होना चाहिए धर्म से तात्पर्य मानव प्रेम से संबंधित है मानव जाति के कल्याण के लिए प्रेम का भाव जागृत करना आवश्यक है प्रेम ही सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोना है समस्त मानव जिस दिन एक दूसरे से सच्चा प्रेम और सामंजस्य स्थापित करेंगे देश उसी दिन विश्व गुरु बन जाएगा।
सीमा त्रिपाठी
शिक्षिका साहित्यकार लेखिका
More Stories
रामजानकी मार्ग भूमि बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधी मंडल ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
कवरेज कर रहे पत्रकार से कोतवाल कर्नलगंज ने की अभद्रता, छिनवा लिया फोन
सम्पूर्ण समाधान दिवस में डीएम-एसपी ने सुनी समस्याएं