
10 मई को अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व
सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)। सनातन धर्म व संस्कृति का प्रमुख पर्व अक्षय तृतीया इस वर्ष 10 मई को मनाया जाएगा। इसी दिन भगवान विष्णु के छठवें अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था।उक्त बातें बताते हुए जयराम ब्रम्ह धाम के आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि भगवान परशुराम जी का जन्म सतयुग व त्रेता युग का संधिकाल माना जाता है।यह त्योहार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष इस पर्व का शुभ मुहूर्त 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन 11 मई को 2 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। पूजा अर्चना का समय सुबह 5 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।अक्षय का अर्थ है कभी कम न होना,इस प्रकार यह माना जाता है कि इस त्योहार पर स्वर्ण खरीदने से अनंत धन की प्राप्ति होती है। इस दिन आप किसी भी देवी या देवता का पूजा अर्चना कर सकते है लेकिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी जी,गणेश जी व कुबेर देव के पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा के समय गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कर गुलाब का फूल मां लक्ष्मी जी को अर्पित करना सबसे अधिक शुभ फल देने वाला होता है।इसी दिन बाबा केदारनाथ के बंद कपाट भी खोले जाते हैं।
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