
वांग्मय का लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि रहे प्रधानमंत्री
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)
महामना मालवीय मिशन के तत्वावधान में पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन कृत्य दस्तावेज पर आधारित सम्पूर्ण वांग्मय का लोकार्पण समारोह, विज्ञान भवन नई दिल्ली सभागार में सम्पन्न हुआ। महामना मदन मोहन मालवीय के 126वीं जयंती के अवसर पर आयोजित साहित्य लोकार्पण समारोह में बोलते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की भारतीय राष्ट्रवाद के प्रबल पोषक, शिक्षा, साहित्य, स्वराज्य आन्दोलन, पत्रकारिता, विधि, राजनीति आदि अनेक क्षेत्रों के देदीप्यमान नक्षत्र सनातन धर्म, दर्शन, संस्कृति तथा भारतीय सभ्यता के मूर्तिमान प्रतीक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत-रत्न महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय का आधुनिक भारत के निर्माताओं में अग्रणी स्थान है।
महामना मालवीय भारतीय संस्कृति तथा उसकी चेतना की आत्मा हैं वह प्राचीन और अर्वाचीन भारत के अपूर्व संगम हैं। प्रधानमंत्री ने कहा की मालवीय जैसे महापुरुषों के बताए हुए रास्तों पर चलकर भारत विश्व का प्रभावी नेतृत्व करने में सक्षम हो पाया है।
उन्होंने कहा की भारत हर क्षेत्र में अग्रणी स्थान बना चुका है इसका श्रेय महामना के विचार को आत्मसात कर कर्तव्य करने वाले कार्यकर्ताओं को जाता है,कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मालवीय मिशन इंजीनियर प्रभु नारायण श्रीवास्तव ने कहा की बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी मालवीय के विचार समूचे विश्व के लिए सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे, आवश्यकता इस बात की है उनके विचारों एवं कृत्यों को जन जन तक पंहुचा कर हम भारत को स्वावलंबी एवं श्रेष्ठ गतिमान देश बनाएं।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष इंजीनियर हरिशंकर सिंह ने किया,धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोविंद राम अग्रवाल ने किया,इस अवसर पर प्रमुख रूप से केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल , अध्यक्ष इंद्रा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (पद्मश्री) राम बहादुर रॉय , सहित देश पर के मालवीय मिशन के पदाधिकारी एवं संगठन के शीर्ष नेतृत्व उपस्थित रहे।
मालवीय मिशन अध्यक्ष अवध संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट , आर्य समाज विचारक संगठक विमल पाण्डेय (दिल्ली) , उपाध्यक्ष अनिल मिश्र एडवोकेट , सचिव डॉ कपिल शुक्ल राष्ट्रीय विचार अभियान समन्वयक वरिष्ठ अधिवक्ता कुमार सम्भव , संगठक सुधाकर अवस्थी , संविधान विशेषज्ञ दीनानाथ श्रीवास्तव , समेत हजारों लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने महामना मालवीय के विचारों को आमजन तक पहुचा कर मजबूत एवं सशक्त अखण्ड राष्ट्र बनाने का सामुहिक संकल्प लिया।
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