Friday, October 17, 2025
Homeउत्तर प्रदेशबौद्ध धम्म जागरण में बुद्ध के जीवन पर डाला गया प्रकाश

बौद्ध धम्म जागरण में बुद्ध के जीवन पर डाला गया प्रकाश

महराजगंज(राष्ट्र की परम्परा)।बृजमनगंज ब्लांक अंतर्गत फुल मनहां गांव के अंबेडकर पार्क में चल रहे पांच दिवसीय धम्म जागरण व बौद्ध कथा प्रवचन के तीसरे दिन भगवान बुद्ध के जीवन पर कथा हुई।
कथा वाचक संघमित्र बौद्ध द्वारा आए समस्त कथा श्रोताओं के समक्ष बताया गया कि बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के यहां लुम्बिनी वन में हुआ था। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। और इनके जन्म पर जब एक तपस्वी ने यह भविष्यवाणी किया कि यह बालक छोटी आयु में ही संन्यासी हो जाएगा तो उसके चिंतित पिता शुद्धोधन ने सिद्धार्थ को महल से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी। 16 वर्ष की उम्र में सिद्धार्थ का विवाह राजकुमारी यशोधरा से कर दिया गया। जिनसे इनका एक पुत्र राहुल पैदा हुआ। बचपन से ही सिद्धार्थ गंभीर स्वभाव के होने के कारण अपना अधिकतर समय अकेले में चिंतन करके व्यतीत करते थे। एक दिन जब वह भ्रमण पर निकले तो उन्होंने एक वृद्ध को देखा जिसकी कमर झुकी हुई थी। और वह लगातार खांसता हुआ लाठी के सहारे चला जा रहा था। आगे एक मरीज को कष्ट से कराहते देख उनका मन ब्यथित हो उठा। उसके बाद उन्होंने एक मृतक की अर्थी देखी जिसके पीछे उसके परिजन विलाप करते जा रहे थे। इन सभी दृश्यों ने सिद्धार्थ को झकझोर कर रख दिया और उन्होंने संन्यासी बनने का निश्चय कर लिया। तब 29 वर्ष की आयु में एक रात सिद्धार्थ गृह त्याग कर इस नश्वर संसार से विदा लेकर सत्य की खोज में निकल पड़े।
इस दौरान अनिल कुमार, सुनील कुमार, चंद्रकुमार, विंदा प्रसाद, राम दवन यादव, संदीप भारती, जोगमन भारती, राम प्रवेश चौधरी, सुभम पटवा, कमलेश, विनोद यादव, दिनेश कुमार, कुलदीप कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments