देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)
सप्ताह भर से हल्की बारिश शुरू हुई तो नगरपालिका समेत कई सड़को का निर्माण करने वाले कार्यदायी विभागों की पोल खुलने लगी, कही सरकारी आवासो की जलमग्न तस्वीर देखने को मिली तो कही कुछ दिन पूर्व बनी सड़को पर पुरानी गिट्टियों के दर्शन होना शुरू हो गया है, तो कही गढ्ढो ने राहगीरों को गिराना शुरू कर दिया।
उक्त बातें देवरीया के चर्चित व्यक्ति जो सरकार को सतर्क करते हुए, स्थानीय भष्टाचार पर समय समय पर आवाज उठाने वाले संजय विश्वकर्मा ने कही।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहाँ की जो स्थिति बारिश के शुरू होते देवरिया मुख्यालय की कुछ मुहल्ले की है, वही हालात गांव के मार्ग हो या राष्ट्रीय राज मार्ग। जो मार्ग अभी पूर्ण भी नही हुई है उनके साथ ही नई निर्मित सड़के ,सामान्य मरमत की सड़कें भी बहुत अच्छी यानी जैसी चाहिए वैसी नही दिखाई दे रही है। वो भी धंसने लगी है ।
आगे उन्होंने आरोप लगाते हुए कहाँ की सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों के सह पर उनके चहेतों /रिश्तेदारों को टेंडर दिया जा रहा है। जो चहेते बन कर जमकर मानक की धज्जियां उड़ाते हुए विकास कार्यों में गुणवत्ता विहीन निमार्ण कर रहे हैं ।
जनप्रतिनिधियों के खास होने के कारण अधिकारी अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।विश्वकर्मा ने आगे कहा अधीक्षण अभियंता कार्यालय कमीशनखोरी का अड्डा बन चुका है। विभाग में भ्रष्टाचार का जबरदस्त आलम है, यहां के पीडब्ल्यूडी विभाग को विकास कार्यों से कोई लेना देना नहीं है। कमीशन खोरी के चक्कर में सड़कें एक बारिश में भी नहीं टिक रही है। देवरिया में सरकार की छवि को दागदार होने से बचाने का प्रयास स्वयं मुख्यमंत्री योगी को करना होगा, क्योंकि स्थनीय जनप्रतिनिधियों को पीडब्ल्यूडी विभाग केअधिकारियों और कर्मचारियों पर धौस जमा कर, टेण्डर मैनेज कराने में व्यस्त है।कुछ ग्रुपो पर पड़े वर्तमान के टेण्डर से स्पस्ट हो जाएगा कि सड़कों के खराब दुर्दशा के लिए सरकार या स्थनीय जनप्रतिनिधि या अधिकारी कौन है जिम्मेदार हैं?
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