November 3, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

ज़िंदगी एक किताब

जिंदगी एक किताब की तरह है
कुछ पन्ने बेरुखे हैं, कुछ खुश हैं,
और कुछ पन्ने रोमांचक भी हैं,
लेकिन अगर हम पेज नहीं पलटेंगे
तो हमें कैसे पता चल पायेगा कि
अगले पन्ने में हमारे लिए क्या है।

ईश्वर की कृपा यह नहीं है कि
जीवन में कभी दुःख ही न आए,
दुःख में भी हम दुखी न हों और
वो घड़ी कब आकर चली जाए,
हमें यह पता ही नहीं चल पाये,
ईश्वर की कृपा जब मिल जाये।

रिश्ता कभी भी हमारी तहज़ीब,
हमारी सुंदरता, आयु या हमारे
व्यक्तित्व पर निर्भर नही करता है,
रिश्ता हमारी सच्चाई, ईमानदारी,
हमारे द्वारा दिये गये समय व हमारे
द्वारा दिए सम्मान पर निर्भर करता है।

जीवन मे दो व्यक्ति जीवन
को नई दिशायें दे जाते हैं,
एक वो जो मौका देते है व
दुसरे वो जो धोखा देते हैं।

एक दिशा सकारात्मक होती है,
तो दूसरी नकारात्मक होती है ।
अपनों पर उतना विश्वास रखना
जितना दवाओं पर हम रखते हैं,
अपने बेशक थोड़े कड़वे होते हैं,
पर दवा जैसे फ़ायदे वाले होते हैं।

मानव काया जिसने पाया
प्राणियों में श्रेष्ठ होता है,
फिर भी जीवन क्षणभंगुर,
मृत्युभय सदा ही होता है।

प्रभु की माया में रमना,
उसको क्या समझना है,
वही एक सत्य होता है,
उसके दर्शन अति दुर्लभ हैं।

नश्वर काया में अग्नि, हवा,
सब कीचड़ पानी माटी हैं,
आदित्य देखा है सारी दुनिया
यह सब धोखे की ही टट्टी है।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’