
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष ,जनपद न्यायाधीश उत्कर्ष चतुर्वेदी के निर्देशानुसार विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच के सचिव/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विराट शिरोमणि की अध्यक्षता में जिला चिकित्सालय सभागार में विधिक जागरुकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया,शिविर में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस के सिंह, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पारितोष तिवारी, डीएचईआईओ बृजेश सिंह, रिसोर्स पर्सन श्रीमती माधुरीलता मिश्रा व आशीष कुमार वर्मा सहित अन्य महिलाएं मौजूद रहीं।
शिविर को सम्बोधित करते हुए सचिव शिरोमणि ने महिलाओं को जागरुक करते हुए बताया गया कि न्यायपालिका किसी भी जनतंत्र के तीन प्रमुख अंगों में से एक है,न्यायपालिका संविधान और कानून की रक्षक है।
भारत में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है,जिसका टोल फ्री नम्बर 15100 है उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यरत है, जो समाज के निर्बल वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करती है। आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति, जो न्यायालय अथवा तहसील में अपने मुकदमे की पैरवी करने में असमर्थ है, वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से निशुल्क अधिवक्ता की सेवा प्राप्त कर सकते हैं।
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पारितोष तिवारी द्वारा सर्वाइकल कैंसर, मुख कैंसर व स्तन कैंसर के कारण, लक्षण, इलाज और बचाव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई जबकि रिसोर्स पर्सन माधुरी लता मिश्रा द्वारा महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके हितों के संरक्षण व संवर्धन हेतु बनाये गये कानूनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई इसके अतिरिक्त उन्होंने पोक्सो एक्ट 2012 महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन शोषण निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 महिलाओं के कार्यस्थल पर संरक्षण हेतु गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971 के कानूनों तथा महिला सशक्तिकरण हेतु संचालित हेल्पलाइन नम्बरों के बारे में उपयोगी जानकारी प्रदान की।
इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं आशा बहुओं एवं पराविधिक स्वयं सेवकों द्वारा भी अपने-अपने पदेन स्थानीय कार्यक्षेत्रों में विधिक अधिकारों एवं जन कल्याणकारी योजना के प्रति जागरूक किया गया।
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