December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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दो पहिया वाहनों में एलईडी लाइटस का धड़ल्ले से कर रहे है प्रयोग

मोटर अधिनियम का खुल्लमखुल्ला उलंघन

उतरौला/बलरामपुर(राष्ट्र की परम्परा)। क्षेत्र में दो पहिया/चार पहिया वाहनों में एल‌ईडी हेड लाइट्स का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।इन एल‌ईडी हेड लाइट्स की दूधिया रोशनी में यातायात के नियम तो धुंधला हो ही रहे हैं साथ ही एल‌ईडी हेड लाइट्स दुर्घटना का कारण भी बन रहे हैं।
क्षेत्र में दो पहिया वाहन व चार पहिया वाहन अधिक रोशनी के चक्कर में एल ईडी लाइट्स का प्रयोग बेरोकटोक के धड़ल्ले से किया जा रहा है।बाइक में छोटे छोटे एल‌ईडी बल्ब लगाने के फैशन भी इस समय जोरों पर है ये हेड लाइट्स सड़क हादसे को दावत दे रहे हैं।एल‌ईडी हेड लाइट्स से अत्याधिक तीव्रता से निकलने वाली दूधिया रोशनी सड़क पर सामने से आने वाले वाहन चालक को चौंधिया देती हैं जिससे उसके आंखों के सामने कुछ क्षण के लिए अंधेरा छा जाता है।परिणाम स्वरूप क‌ई बार हादसे की नौबत भी आ जाती है।लेकिन इसके बाद भी इस पर रोक नही लगाई जा रही है।क्षेत्र में बड़े पैमाने पर एल‌ईडी बल्ब लगे वाहन सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं।इसकी लाइट्स सीधे आंखों में पड़ने से सामने वाले व्यक्ति को कुछ भी दिखाई नही देता है जिसके चलते क‌ई बार हादसे हो चुके हैं।
मोटरयान अधिनियम का नही हो रहा पालन
मोटरयान अधिनियम में स्पष्ट नियम है कि हेड लाइट्स का ऊपरी एक चौथाई हिस्सा काला रंगा होना चाहिए जिससे तीव्र प्रकाश की किरणें विपरीत दिशा के राहगीर के आंख पर सीधे न पड़े और वह किसी हादसे से बच सके।परिवहन विभाग के अधिकारियों की नजर अंदाजी के चलते नियम ही लुप्त हो चुके हैं।