
आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 0 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं अन्य लाभार्थियों को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण से संबंधित मिलेंगी विभिन्न सेवाएं
मऊ ( राष्ट्र की परम्परा ) अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह की अध्यक्षता में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में नए आंगनबाड़ी केंद्र भवनों के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता एवं आधारभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में जनपद में 2587 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिसमें 1105 आंगनबाड़ी केंद्र विभागीय भवन तथा शेष किराए के भवन में संचालित हैं। उन्होंने बताया कि तहसील मुहम्मदाबाद गोहना के अंतर्गत 329 आंगनबाड़ी केंद्र, तहसील मधुबन के अंतर्गत 248 आंगनबाड़ी केंद्र, तहसील घोसी के अंतर्गत 180 आंगनबाड़ी केंद्र एवं तहसील सदर के अंतर्गत 725 इस तरह से कुल 1482 नए आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भूमि की आवश्यकता है।
अपर जिलाधिकारी द्वारा समस्त उप जिलाधिकारी एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि, भूमि का चिन्हीकरण जल्द से जल्द कर लें तथा इस बात का विशेष ध्यान देंगे कि भूमि विवादित न हो तथा शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप हो, उन्होंने बताया कि बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 0 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं अन्य लाभार्थियों को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण से संबंधित विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं। विभागीय योजनाओं के सुचारू रूप से संचालन हेतु समस्त आधारभूत सुविधाओं से युक्त संचालन स्थल/आंगनबाड़ी केंद्र भवन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को पठन पाठन एवं अन्य गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्राथमिकता के आधार पर विद्यालयों के साथ कोलोकेट कराए जाने का प्रयास जनपद में किया जा रहा है। उन्होंने समस्त उप जिलाधिकारी एवं सभी अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्र का भवन निर्माण 650 वर्ग फीट विद्यालय परिसर में होना है, जिसके लिए उपयुक्त भूमि की आवश्यकता है। आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण हेतु भूमि का प्रस्ताव प्राथमिक विद्यालय के परिसर में प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा तथा प्राथमिक विद्यालय के परिसर में भूमि उपलब्ध न होने की दशा में प्राथमिक विद्यालय के निकटतम स्थल का चयन किया जाएगा। भूमि आबादी के निकट हो, संपर्क मार्ग पर हो, बच्चों के लिए सुरक्षित हो, किसी भी प्रकार से विवादित न हो, भूमि गड्ढे में न हो इत्यादि बातों का विशेष ध्यान रखेंगे।
बैठक के दौरान डीसी मनरेगा उपेंद्र पाठक, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त अधिशासी अधिकारी, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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