
बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
नगर के मुख्य चौक से महज 50 मीटर की दूरी पर अगस्त क्रांति 1942 के आंदोलनकारी सपूत पंडित विश्वनाथ मिश्र व जगरनाथ मल्ल के बलिदान दिवस पर बुधवार को कार्यक्रम के संयोजक अनिल निषाद के नेतृत्व में मनाया गया।
आज ही के दिन 14 अगस्त 1942 में कैप्टन मूर की गोली से दोनों सपूत शहीद हो गए थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम अंगद यादव, तहसीलदार अरुण कुमार बरहज रहे। जिन्होंनो उनकी याद में दीपदान करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया, उन्होंने आजादी में बलिदान देने वाले सपूतो के सपनो को साकार करने को कहा जो इनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी । कार्यक्रम संयोजक अनिल निषाद ने बताया बरहज में भारत माता को आजाद कराने के लिए नगर सहित आस पड़ोस के गाँवो के लोगो के साथ तिरंगा लेकर हाथों में जुलूस का नेतृत्व कर आगे बढ़ रहे थे, जब इन दोनों क्रांतिकारियों ने बरहज थाने को कब्जे में लेकर तिरंगा इसी जगह लहराया था। लोगो का गुस्सा देखकर वहां से सारे पुलिस कर्मी भाग खड़े हुए थे। लोगो ने 14 अगस्त 1942 को ही बरहज को अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद करा लिया, इसकी सूचना मिलते ही अंग्रेज अधिकारी कैप्टन मूर भारी पुलिस बल के साथ गोरखपुर से बरहज आया और मुख्य चौराहे पर आजादी का तिरंगा लिए जश्न मना रहे दोनों सपूतो पर गोली चला दी जिसमे कुरह परसिया निवासी पंडित विश्वनाथ मिश्र व बरौली निवासी जगरनाथ मल्ल हाथों में तिरंगा लिए सदा के लिए भारत माँ के चरणों मे अपने को न्यौछावर कर दिया । आज उनके बलिदान दिवस 14 अगस्त दिन सोमवार को शाम पांच बजे दीपदान कार्यक्रम हुआ । कार्यक्रम मे विशिष्ट अतिथि प्रभु नारायण सिंह मुन्ना, राधारमण पांडेय, डॉ अजय सिंह, अब्दुल खालिद, सत्यप्रकाश सिंह, मिंटू, सुधीर निषाद, रामाकान्त राजभर, रविप्रकाश तिवारी, राजेन्द्र यादव, शम्भू दयाल भारती, प्रहलाद यादव, प्रिंस पटेल, हृदेश तिवारी, मोहम्मद शाहबुद्दीन, श्यामबिहारी मिश्र, दूधनाथ, राममिलन सिंह, विष्णु विश्वकर्मा, शशिकांत तिवारी आदि लोगो ने उनकी याद में बने भव्य स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन कृत्यों पर प्रकाश डाला। वही लगातार 19 वर्षो से शहीद सपूतो के सम्मान में आयोजित दीपदान कार्यक्रम को बड़े जोश खरोश से मनाया जाता हैं।
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