
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। गंगोत्री देवी स्कूल ऑफ नर्सिंग एवं पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट के 23वें बैच की नर्सिंग छात्राओं का लैंप लाइटिंग एवं शपथ ग्रहण समारोह अत्यंत भव्यता, गरिमा और उल्लास के वातावरण में सम्पन्न हुआ। नर्सिंग की पावन परंपरा का निर्वहन करते हुए छात्राओं ने दीप प्रज्वलित कर मानव सेवा, करुणा, निष्ठा एवं समर्पण के पथ पर चलने की शपथ ली।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि आईसीएमआर के निदेशक प्रोफेसर हरिशंकर जोशी, आईएमए की अध्यक्ष डॉ प्रतिभा गुप्ता, आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ शिव शंकर शाही, डॉ ए पी गुप्ता, डॉ सीमा शाही , मोटिवेशनल स्पीकर राजल गुप्ता वह अध्यक्षता रीना त्रिपाठी ने किया। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि गोरखपुर नगर के महापौर डॉ. मंगलेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। अपने प्रेरक उद्बोधन में उन्होंने कहा कि नर्सें किसी भी चिकित्सा व्यवस्था की आत्मा होती हैं। नर्सिंग छात्राओं से अपेक्षा है कि वे न केवल सेवा-भावना से ओत-प्रोत हों, बल्कि अपने व्यवहार व संवेदना से हर रोगी के मन में आशा का संचार करें। उन्होंने कहा कि आज का दिन इन छात्राओं के जीवन में नया अध्याय जोड़ने जा रहा है, जो समाज के लिए सुखद परिणाम देगा। विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) हरि शंकर जोशी, निदेशक, ICMR-RMRC गोरखपुर ने कहा कि चिकित्सा सेवा का भविष्य नर्सों की गुणवत्ता व प्रशिक्षण पर निर्भर है। नर्सिंग वह क्षेत्र है जिसमें सेवा, विज्ञान, शोध और तकनीक का अद्भुत समन्वय है। आईएमए गोरखपुर की अध्यक्ष डॉ. प्रतिभा गुप्ता ने कहा कि नर्सिंग सेवा के बिना चिकित्सा जगत की कल्पना अधूरी है। नर्सें केवल उपचार ही नहीं करतीं, बल्कि रोगियों के मनोबल को भी सँभालती हैं। डॉ. सीमा शाही, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट, कहा कि नर्सिंग की शक्ति एक अदृश्य ऊर्जा है जो रोगियों को नवजीवन देती है। डॉ. शिव शंकर शाही, जनरल सर्जन, ने कहा कि अस्पताल की सफलता केवल डॉक्टरों के प्रयासों से नहीं, बल्कि कुशल नर्सिंग स्टाफ के बिना भी संभव नहीं है। पूर्व अध्यक्ष आईएमए गोरखपुर डॉ. ए.पी. गुप्ता ने कहा कि नर्सिंग का कार्य केवल दवाइयाँ देना नहीं, बल्कि सेवा के माध्यम से पीड़ित को आश्वस्त करना है कि वह अकेला नहीं है। संस्था की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने स्वागत भाषण में कहा कि यह दीप केवल लौ नहीं है, बल्कि नये युग की चेतना का प्रतीक है। नर्सिंग छात्राएँ आज सेवा, संवेदना, समर्पण और अनुशासन के उस पथ पर प्रथम पग रख रही हैं, जहाँ से उनका जीवन स्वयं महान बनेगा और दूसरों को भी दिशा देगा। संस्थान के व्यवस्थापक आशुतोष मिश्रा ने कहा कि गंगोत्री देवी स्कूल ऑफ नर्सिंग का उद्देश्य न केवल श्रेष्ठ तकनीकी शिक्षा देना है, बल्कि नर्सिंग छात्राओं में मानवता, नैतिकता और करुणा के मूल्यों का संचार करना भी है। प्राचार्य प्रकाश चौधरी ने अपने वक्तव्य में कहा कि नर्सिंग केवल व्यवसाय नहीं, यह जीवन का मिशन है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित गोरखपुर की सुप्रसिद्ध समाजसेविका सुधा मोदी ने कहा कि नर्सिंग पेशे में आने वाली छात्राओं के लिए यह अवसर ईश्वर का दिया हुआ वरदान है, क्योंकि यह सेवा किसी एक व्यक्ति की नहीं, समूची मानवता की होती है। उन्होंने छात्राओं से सेवा में निष्ठा और करुणा बनाए रखने की प्रेरणा दी। विमला त्रिपाठी ने कहा कि नर्सिंग वह क्षेत्र है जिसमें बिना भेदभाव के प्रत्येक रोगी को समान दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सच्ची नर्स वही है जिसकी उपस्थिति मात्र से रोगी को आश्वस्ति मिलती है। मधु जायसवाल ने कहा कि नर्सों को अपने पेशे को केवल रोजगार न मानकर, समाज सेवा का श्रेष्ठ माध्यम मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि फ्लोरेन्स नाईटइंगल की साधना से प्रेरणा लेकर ये छात्राएँ स्वास्थ्य सेवा का आदर्श प्रस्तुत करेंगी। इस अवसर पर गोरखपुर महानगर के गौरव, टाइम मैनेजमेंट एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट विषय पर सर्वाधिक भाषाओं में अनुवादित कृतियाँ लिखने वाले, विश्व रिकॉर्डधारी लेखक राजल गुप्ता भी मौजूद रहे। उनकी चर्चित कृति “Rajal Neeti” देश-विदेश के युवाओं में लोकप्रिय है।
दीप प्रज्वलन के पश्चात छात्राओं द्वारा नर्सिंग शपथ ली गई, जिसमें सेवा, करुणा, ईमानदारी व निष्ठा की शपथ ली गयी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से छात्राओं ने नर्सिंग के महत्व को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत किया। समारोह में नगर के प्रमुख चिकित्सक, समाजसेवी, शिक्षाविद् एवं बड़ी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को अविस्मरणीय बना दिया। समारोह का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें संस्था के समस्त स्टाफ ने सभी गणमान्य अतिथियों, अभिभावकों और छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामनाएं व्यक्त की।
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