
गोरखपुर(राष्ट्र की परम्परा)
महानगर के असुरन सहित जिले में सभी जगह तीन छठी का व्रत तथा भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्मदिवस का त्योहार श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। मनीराम सिक्टौर बाजार के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभा मनीराम में “ललही छठ” जिससे “तीनछठी” के नाम से भी जाना जाता है जो हिन्दी महीने भादों मास के कृष्ण पक्ष की छठवीं तिथि को पड़ता। महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना के उद्देश्य से इस व्रत को रखती है। घर की किसी बुजुर्ग महिला के द्वारा छह कहानियां सुनाई जाती हैं,सोहर तथा पारंपरिक गीतों के साथ कुश का पूजन किया जाता है, महुआ के पत्ते पर तिन्नी का चावल, दही और महुआ के प्रसाद का भोग लगाया जाता है, वही प्रसाद सभी घर के लोगों में वितरित किया जाता है।
महिलाएं अपने बच्चों का मुख छठी माता के पास बनाएं गये छोटे से पोखरें से हथेली में पानी लेकर कर धोती है, यह पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में आस्था के पर्व के रूप मनाया जाता है।