मुम्बई(राष्ट्र की परम्परा) वर्तमान में भले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है, बावजूद उसके मराठा समाज के नेता मनोज जारांगे पाटिल ने आंदोलन के लिए आक्रामक रुख अपना लिया है। लेकिन 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की वर्तमान में परीक्षाओं को देखते हुए इस आंदोलन से छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को खतरा न हो, इसलिए मराठा समुदाय के नेता मनोज जारांगे पाटिल को आमरण अनशन पर बैठने का अपना फैसला वापस लेना चाहिए, उक्त बातें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया आठवले गुट के महाराष्ट्र मराठा आघाड़ी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब मिर्जे ने की है।
बता दें कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, इसकी मांग रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से लंबे समय से की जा रही है । लेकिन दुख की बात यह है कि मराठा समुदाय को राज्य सरकार द्वारा आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। हालांकि मराठा समुदाय को एक आरक्षण देते हुए सरकार ने अलग से दस प्रतिशत आरक्षण देने की सरकारी घोषणा की है, लेकिन क्या ये आरक्षण कोर्ट में टिक पाएगा यह एक प्रश्न है।
महाराष्ट्र मराठा अघाड़ी के अध्यक्ष बालासाहेब मिर्जे ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान सही है और इसे सख्ती से लागू कर मराठा समुदाय को न्याय दिया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का रमाबाई कॉलोनी शहीद स्मारक हॉल में सार्वजनिक अभिनंदन किया जाएगा, ऐसी घोषणा रिपाई मराठा अघाड़ी के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब मिर्जे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की है।बालासाहेब मिर्जे ने मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम अदालत में मराठा आरक्षण को टिकने के लिए पूरी कोशिश करेंगे और मराठा समुदाय के नेता मनोज जरांगे पाटिल के खिलाफ गठित एसआईटी को रद्द किया जाना चाहिए।
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