26 वर्ष बाद घर लौटे जिलाजीत मौर्य, खुशी से छलक पड़े परिजनों के आँसू

आजमगढ़ (राष्ट्र की परम्परा)। बरदह थाना क्षेत्र के गोठांव गांव निवासी जिलाजीत मौर्य पुत्र सोभनाथ मौर्य 35 वर्ष की आयु में गांव में हो रही पूजा देखने के लिए 1 जून 1996 में घर से निकले, और वहीं से वह लापता हो गए। परिजनों ने उनकी काफी खोजबीन की लेकिन कहीं पता नहीं चला । उनके गायब होने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि, जिलाजीत मौर्य बचपन से ही गूंगा थे और इनकी शादी भी नहीं हुई थी। इनके पिताजी की वर्तमान में मृत्यु हो चुकी है। करीब 3 महीने पहले शोसल मीडिया से पता चला कि, यह अमेठी जिले में कहीं पर हैं। उसके बाद परिजनों ने तत्काल वहां जाकर पता किया तो वहां से पता चल कि वह कहीं चले गये, फिर भी परिवार प्रयासरत रहा। उसके बाद धीरे-धीरे यह पता चला कि रायबरेली जनपद के हटवा गांव के प्रधान शिवेंद्र सिंह के यहां रह रहे हैं। ग्राम प्रधान शिवेंद्र सिंह भी जिलाजीत के घर का पता करने के प्रयास करते रहे। अन्ततः प्रयास रंग लाया और 13 दिसंबर को परिजन उक्त ग्राम प्रधान के घर पहुंचे, जहां पर उनको देखकर परिजनों की आखों से खुशी के आंसू छलक आये। वह भी अपने परिजनों को पहचान कर रोने लगे। घर से निकले परिजन चंद्रशेखर, प्रभाकर मौर्य, सुधाकर, अंगद मौर्य, रोहित, सत्य भूषण मौर्य, बेचन विश्वकर्मा, अभिषेक मौयर्, दिव्यांशु आदि का शिवेंद्र सिंह ने मान सम्मान किया। परिजन जिलाजीत मौर्य को अपने घर बरदह थाना क्षेत्र के गोठांव गांव में मंगलवार की रात 11.30 पर लेकर आए। उनके घर पहुँचते ही उनको देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गयी।

rkpNavneet Mishra

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