बलिया( राष्ट्र की परम्परा) खतौनी में फ्राड करने के आरोप में तत्कालीन लेखपाल और पूर्व कानूनगो अजीत कुमार सिंह (वर्तमान में नगरा में तैनात) को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम शाम्भवी यादव की अदालत ने न्यायालय में समर्पण के बाद आरोपी को जेल भेज दिया। आरोपी काफी दिनों से गिरफ्तारी वारंट के बाद भी हाजिर नहीं हो रहा था। जिसके बाद कोर्ट को धारा 82 की कार्रवाई करनी पड़ी थी। उरैनी निवासी प्रभात कुमार तिवारी पुत्र हरिश्चन्द्र तिवारी और तत्कालीन लेखपाल अजीत कुमार सिंह मिलकर सन् 1968 में मृतक मनोरंजन तिवारी का नाम खतौनी में अंकित कर दिया था। जबकि देव भूषण तिवारी एडवोकेट के रजिस्टर्ड वारिस के रूप में सत्य रंजन तिवारी का नाम दिनांक 2/10/97 में ही अंकित हो गया था। बावजूद तीनों ने मिलकर मनोरंजन तिवारी का नाम अंकित कर दिया था। उरैनी निवासी प्रमोद तिवारी ने न्यायालय के आदेश पर तीनों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराया था। प्रभात कुमार तिवारी और हरिश्चन्द्र तिवारी के विरुद्ध गैरजमानती वारंट जारी हुआ था। जिसमें दोनों जेल भेजे गए थे। साथ ही तत्कालीन लेखपाल और नगरा के वर्तमान कानूनगो अजीत कुमार सिंह के विरुद्ध गैरजमानती वारंट और कुर्की का आदेश एसीजेएम प्रथम ने जारी किया था। शुक्रवार को न्यायालय में समर्पण करने के बाद एसीजेएम प्रथम शाम्भवी यादव की अदालत ने आरोपी कानूनगो अजीत कुमार सिंह को जेल भेज दिया। इस कारण राजस्व विभाग में हडकंप मचा हुआ है।
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