कोलकाता/पश्चिम बंगाल (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर मेडिकल छात्रा गैंगरेप केस को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। सीएम ममता ने छात्रावास में रहने वाली छात्राओं, खासकर राज्य से बाहर की लड़कियों से अपील की कि वे छात्रावास के नियमों का पालन करें और देर रात बाहर न निकलें।
हालांकि, इस बयान पर आरजी कर मेडिकल कॉलेज गैंगरेप पीड़िता के पिता ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री ऐसा ही सोचती हैं, तो उन्हें “फतवा जारी कर देना चाहिए कि कोई भी लड़की घर से बाहर न निकले।”
‘अगर काम नहीं कर सकतीं तो इस्तीफा दें’ — पीड़िता के पिता का बयान
मीडिया से बात करते हुए पीड़िता के पिता ने कहा,
“सीएम ममता बनर्जी ने बहुत अच्छी बात कही है। बेहतर होगा कि आज रात ही फतवा जारी कर दें कि कल सुबह से कोई भी लड़की घर से बाहर न निकले। अगर वह अपना काम नहीं कर सकतीं, तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री कानून-व्यवस्था पर ध्यान देने के बजाय पीड़िताओं को दोष दे रही हैं, जो बेहद आपत्तिजनक है।
“वह अपराधियों पर कार्रवाई की जगह पीड़िता पर टिप्पणी कर रही हैं। यह बेहद शर्मनाक है।”
पीड़िता के पिता ने ओडिशा सरकार से लगाई गुहार
23 वर्षीय पीड़िता MBBS द्वितीय वर्ष की छात्रा है और फिलहाल दुर्गापुर अस्पताल में इलाजरत है। उसके पिता ने ओडिशा सरकार से अपील की है कि बेटी को सुरक्षा कारणों से भुवनेश्वर स्थानांतरित किया जाए।
अधिकारियों के मुताबिक, घटना शुक्रवार (10 अक्टूबर 2025) की रात करीब आठ बजे हुई, जब छात्रा अपने एक पुरुष साथी के साथ कॉलेज परिसर से बाहर गई थी। इसी दौरान तीन लोगों ने उसका कथित तौर पर अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म किया।
परिवार का कहना है कि वे अब पश्चिम बंगाल में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और किसी पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
राज्य में बढ़ रहा विरोध और सवाल
ममता बनर्जी के इस बयान के बाद विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सीएम के बयान को “विक्टिम ब्लेमिंग” करार दिया है।
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