
पत्रकारों का हित किसी भी राजनीतिक दल के एजेंडे में नहीं
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)l जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया की एक देश व्यापी वर्चुअल मीटिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अनुराग सक्सेना की अध्यक्षता में सम्पन्न हुईl बैठक में पत्रकार हितों को लेकर जहां चिंता व्यक्त की गईl वहीं पत्रकारों में इस बात को लेकर आक्रोश दिखा कि पक्ष या विपक्ष किसी भी राजनैतिक पार्टी को पत्रकार हितों की चिंता नहीं हैl जबकि किसी भी राजनैतिक पार्टी को अर्श से फर्श और फर्श से अर्श तक पहुंचाने में पत्रकारों की माहिती भूमिका होती हैl
पत्रकार इस बात को लेकर भी चिंतित दिखे कि हर मोर्चे पर बेहतर कार्य करने वाले हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री पत्रकार हितों की बात क्यों नहीं करते। ढाई घंटे से ज्यादा देर तक चली इस मैराथन बैठक में संगठन के राष्ट्रीय, प्रादेशिक एवं स्थानीय पत्रकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने बेबाक विचार व्यक्त किये।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज पत्रकारों के ऊपर बेवजह हमले हो रहे हैं उन्हें बिना किसी कारण के प्रताड़ित किया जा रहा है आज पत्रकार स्वतंत्र होकर अपना कार्य नहीं कर पा रहा हैl आज जब सब कुछ डिजिटल हो रहा हैl तब ई पेपर को मान्यता न देना कहां तक नीति संगत है। देश में पत्रकार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है परंतु सरकारों द्वारा उसके लिए पत्रकार सुरक्षा कानून पारित न करना पत्रकारों के प्रति सरकार के मंसूबों को दर्शाता है।
बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए संस्था के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ. आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को पत्रकारों के हित की रक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून अभिलंब लागू करना चाहिए।
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार कुणाल भगत ने कहा कि बिहार में भी पत्रकारों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है और मुकदमे लिखा जा रहे हैं।
राष्ट्रीय पदाधिकारी पत्रकार अशोक झा ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून पर सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि पत्रकार सुरक्षा की भावना से कार्य कर सके।
वर्चुअल बैठक में प्रमुख रुप से वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ पदाधिकारी डाॅ. विवेक पाठक, अशोक झा, निखिल वर्मा, संजय, कुणाल भगत, हरिशंकर पाराशर,कोसांग पटनायक, नागेंद्र पांडे, विजय कुमार, शशि कुमार ,सुमन, जिले से रामानंद, राघवेंद्र त्रिपाठी, संजय कुमार, राजेश कुमार, एसपी चौधरी ,आशीष कुमार प्रमाणिक, अंशिका ओझा, निर्मित कुमार, राजीव रंजन, जितेंद्र पाठक ,दिया नंदिनी ,विक्रांत, राज लूनिया, राजेश पांडे ,संजय कुमार सिंह, अब्दुल बासित ,विवेक पटनायक, बी त्रिपाठी, राजा अवस्थी आदि पत्रकार साथियों ने विचार व्यक्त किए रहे।
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