नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत की प्रमुख एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) ने शनिवार को घोषणा की कि वह दिल्ली से चीन के ग्वांगझू (Guangzhou) के बीच रोजाना सीधी उड़ानें 10 नवंबर 2025 से शुरू करेगी।
यह कदम भारत-चीन के बीच हवाई संपर्क और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। उड़ान का संचालन एयरबस A320 विमान से किया जाएगा।
भारत-चीन उड़ानें फिर से शुरू — कोविड के बाद नई शुरुआत
इंडिगो का यह एलान विदेश मंत्रालय (MEA) की उस पुष्टि के बाद आया है जिसमें 3 अक्टूबर को कहा गया था कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जा रही हैं।
कोविड-19 महामारी और डोकलाम गतिरोध के बाद यह मार्ग बंद कर दिया गया था। अब यह पहल दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का संकेत मानी जा रही है।
चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने भी भारत-चीन उड़ानों की बहाली की पुष्टि की है।
इंडिगो की नई अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी
कुछ सप्ताह पहले इंडिगो ने कोलकाता से ग्वांगझू के बीच 26 अक्टूबर से दैनिक उड़ानों की शुरुआत का भी एलान किया था।
अब दिल्ली-ग्वांगझू उड़ान के साथ एयरलाइन ने चीन के साथ अपनी हवाई कनेक्टिविटी को और मजबूत कर लिया है।
इंडिगो के ग्लोबल सेल्स प्रमुख विनय मल्होत्रा ने कहा:
“कोलकाता के बाद अब दिल्ली से ग्वांगझू सीधी उड़ान शुरू होने से हम चीन के साथ अपनी कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग को और बढ़ाने के लिए उत्साहित हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार, पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर खोलेगा।”
उड़ान का समय और टिकट विवरण
एयरलाइन के अनुसार,
दिल्ली से ग्वांगझू उड़ान — रात 9:45 बजे रवाना होगी और सुबह 4:40 बजे ग्वांगझू पहुंचेगी।
वापसी उड़ान (ग्वांगझू से दिल्ली) — सुबह 5:50 बजे रवाना होकर 10:10 बजे दिल्ली पहुंचेगी।
इस मार्ग की टिकटें इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट (goIndiGo.in) पर उपलब्ध हैं।
दिल्ली से हनोई के लिए नई उड़ान 20 दिसंबर से
इंडिगो ने एक और अंतरराष्ट्रीय उड़ान की घोषणा की है — दिल्ली से वियतनाम के हनोई के बीच 20 दिसंबर से रोजाना सीधी सेवा शुरू होगी।
यह उड़ान भी एयरबस A320 विमान से संचालित होगी।
वर्तमान में इंडिगो कोलकाता से हनोई और हो ची मिन्ह सिटी के बीच 14 साप्ताहिक उड़ानें संचालित कर रही है।
क्यों अहम है यह उड़ान
भारत और चीन के बीच व्यापारिक और निवेशिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
पर्यटन, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
ग्वांगझू के माध्यम से इंडिगो अब चीन के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ेगी।
भारत की अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने की दिशा में यह बड़ा कदम है।