Sunday, December 21, 2025
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इंडिगो की उड़ानें फिर पटरी पर, लेकिन यात्रियों का भरोसा अब भी कमजोर; राहत के लिए 10,000 रुपये मुआवज़ा

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानें एक बार फिर सामान्य रूप से संचालित होने लगी हैं। एयरपोर्ट पर पहले जैसी अफरा-तफरी अब नहीं दिख रही और फ्लाइट शेड्यूल भी लगभग स्थिर है। इसके बावजूद यात्रियों का भरोसा अभी वापस नहीं लौटा है। पिछले हफ्ते हुए बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन, घंटों की देरी, रातभर एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों की परेशानी और रिफंड से जुड़ी शिकायतों ने लोगों के मन में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

यात्री अब टिकट बुक करने से पहले इंडिगो को लेकर दो बार सोच रहे हैं, खासकर वे लोग जो लगातार यात्रा करते हैं या जिनका सफर समय-समय पर महत्वपूर्ण बैठकों, इंटरव्यू या पारिवारिक कारणों से जुड़ा होता है।

यात्रियों के अनुभव: भरोसा टूटने की कई वजहें

“अब टिकट बुक करने से डर लगता है”

दिल्ली में काम करने वाली स्नेहा का कहना है कि लगातार देरी और कैंसिलेशन के बाद अब इंडिगो में टिकट लेना जोखिम जैसा लगता है। रिफंड समय पर न मिलने से उनकी परेशानी और बढ़ गई।

“भरोसा हिला, खर्च बढ़ा”

जबलपुर जाने वाले यात्रियों से लेकर बिजनेस ट्रैवलर्स तक—सभी ने माना कि पिछले हफ्ते की घटना ने उन्हें मानसिक रूप से असहज कर दिया। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें आखिरी समय में अन्य एयरलाइन से महंगे टिकट खरीदने पड़े।

छोटे शहरों के यात्री सबसे ज्यादा प्रभावित

तिरुपति, नागपुर, भुवनेश्वर, त्रिची और राजकोट जैसे शहरों में लोग ऑनटाइम स्टेटस देखकर भी टिकट बुक करने में हिचक रहे हैं। कैंसिलेशन और देर से आने वाले मैसेजों ने विश्वास को और कमजोर किया है।

ट्रैवल एजेंट: “समस्या तकनीकी नहीं, मानसिक है”

दिल्ली एयरपोर्ट के ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि अब भी कई यात्री पूछते हैं—“फ्लाइट सच में जाएगी न?”
उनके मुताबिक, लगातार दो से तीन हफ्ते जीरो डिले और जीरो कैंसिलेशन देखने पर ही भरोसा धीरे-धीरे लौटेगा।

इंडिगो का बड़ा कदम: प्रभावित यात्रियों को 10 हजार रुपये का मुआवज़ा

लगातार विरोध और शिकायतों के बाद इंडिगो ने यात्रियों को राहत देने के लिए 10,000 रुपये तक का ट्रैवल वाउचर देने की घोषणा की है।
यह मुआवज़ा 3, 4 और 5 दिसंबर को कैंसिल हुई उड़ानों और भारी देरी से सबसे अधिक प्रभावित यात्रियों को दिया जाएगा।

• वाउचर 12 महीने तक इंडिगो की किसी भी उड़ान में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

• यह राशि सरकारी गाइडलाइंस के तहत मिलने वाले मुआवज़े के अतिरिक्त दी जा रही है।

• एयरलाइन का दावा है कि अधिकांश रिफंड प्रोसेस किए जा चुके हैं और बाकी जल्द ही जमा हो जाएंगे।

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5,000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द — क्रू की कमी बनी बड़ी वजह

इंडिगो, जिसका घरेलू एविएशन मार्केट में करीब 65% हिस्सा है, दिसंबर की शुरुआत से अब तक 5,000 से अधिक उड़ानें रद्द कर चुका है।
पायलटों के लिए नए रेस्ट नियम लागू होने और क्रू की कमी के कारण एयरलाइन को बड़ा परिचालन संकट झेलना पड़ा।

रिपोर्ट के मुताबिक—

जरूरत: 2,422 कैप्टन

उपलब्ध: 2,357 कैप्टन

यानी क्रू गैप ने पीक ट्रैवल सीज़न में हजारों यात्रियों को प्रभावित किया।

क्या भरोसा लौट पाएगा?

फ्लाइट संचालन सामान्य हो गया है, लेकिन यात्रियों का विश्वास इतना जल्दी वापस लौटना मुश्किल लग रहा है। ट्रैवल एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में इंडिगो को समय पर उड़ानें, बेहतर ग्राहक सेवा और त्वरित रिफंड सुनिश्चित करके अपनी छवि पुनर्स्थापित करनी होगी।

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