नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत का क्रिप्टोकरेंसी बाजार अब बड़े महानगरों से निकलकर नॉन-मेट्रो शहरों और कस्बों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। कॉइनस्विच की रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया इन्वेस्ट्स 2025’ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश क्रिप्टो निवेश में देश का सबसे बड़ा योगदानकर्ता बनकर उभरा है, जिसने महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
छोटे शहरों से बढ़ी क्रिप्टो में भागीदारी
रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो निवेशकों की भागीदारी अब मेट्रो शहरों से हटकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में तेजी से बढ़ रही है।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों में 45% निवेशक 26 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के हैं, जो इसे युवाओं का पसंदीदा निवेश विकल्प बनाता है।
क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स कैसे लगता है?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) की श्रेणी में रखा गया है। इस पर टैक्स के नियम सख्त हैं।
क्रिप्टो टैक्स के प्रमुख नियम
• क्रिप्टो बेचने से हुए मुनाफे पर 30% फ्लैट टैक्स लगता है।
• होल्डिंग पीरियड चाहे कितना भी हो, टैक्स दर समान रहती है।
• केवल खरीद लागत की कटौती की अनुमति
• माइनिंग, ट्रेडिंग फीस या अन्य खर्च कटौती योग्य नहीं।
• क्रिप्टो से हुए नुकसान को अन्य आय से समायोजित नहीं किया जा सकता।
• नुकसान को आगे कैरी फॉरवर्ड करने की अनुमति नहीं
• धारा 194S के तहत हर ट्रांजेक्शन पर 1% TDS कटता है।
कौन-से क्रिप्टो ट्रांजेक्शन टैक्सेबल हैं?
• क्रिप्टो को INR (फिएट करेंसी) में बेचना
• एक क्रिप्टो को दूसरी क्रिप्टो से एक्सचेंज करना
• क्रिप्टो से सामान या सेवाएं खरीदना
• माइनिंग, स्टेकिंग, एयरड्रॉप या रिवॉर्ड के रूप में प्राप्त क्रिप्टो
• गिफ्ट के रूप में प्राप्त क्रिप्टो (छूट सीमा से अधिक होने पर)
क्रिप्टो टैक्स की गणना: उदाहरण
मई 2025 में अनुज ने ₹1,50,000 में बिटकॉइन खरीदा।
दिसंबर 2025 में इसे ₹2,20,000 में बेच दिया।
• कुल लाभ: ₹70,000
• 30% टैक्स: ₹21,000
TDS कटौती
• 1% TDS: ₹2,200
• नेट भुगतान: ₹2,17,800
• ITR फाइल करते समय देय टैक्स: ₹18,800
IPO Listing Dates
• 23 दिसंबर: KSH International – ₹700 करोड़
• 29 दिसंबर: Gujarat Super-Speciality – ₹250 करोड़
डिस्क्लेमर:- यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपने पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें। क्रिप्टो निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है।
