गोरखपुर/काठमांडू (राष्ट्र की परम्परा)। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में भारतीय दूतावास ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कुलपति प्रो. पूनम टंडन कर रही हैं। भारतीय दूतावास की ओर से प्रथम सचिव (शिक्षा और राजनीतिक) डॉ. साहिल कुमार ने राजदूत की ओर से प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस अवसर पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय के प्रो. एमएल शर्मा, डीडीयूजीयू एलुमनाई एसोसिएशन नेपाल चैप्टर के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
डॉ. साहिल कुमार ने गोरखपुर विश्वविद्यालय द्वारा नेपाल के चार प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ किए गए समझौता ज्ञापनों के माध्यम से शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने इन समझौतों को सक्रिय करने और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने भारत और नेपाल के बीच कृषि, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा विज्ञान और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने नेपाल के राजदूत की लखनऊ में राज्यपाल से हुई भेंट का भी उल्लेख किया। जिसमें राज्यपाल ने पड़ोसी देशों के साथ शिक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया था।
इस दौरान चर्चा के डीडीयूजीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने आईसीसीआर छात्रवृत्ति के साथ जुड़ाव से जुड़वां, द्वैतीय और संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों का प्रस्ताव रखा। उन्होंने छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
प्रो. एमएल शर्मा ने बीपी कोईराला भारत-नेपाल फाउंडेशन द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जिसमें अल्पकालिक कौशल विकास कार्यक्रमों और भारतीय उपमहाद्वीप की पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को बढ़ावा देने की योजनाएँ शामिल हैं।
प्रतिनिधिमंडल को जानकारी मिली कि दिसंबर 2024 में लुंबिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में एक संयुक्त कार्यशाला आयोजित की जाएगी। जिसे भारतीय दूतावास द्वारा प्रायोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में डीडीयूजीयू के प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। जिससे भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और सुदृढ़ किया जा सके। इसके अतिरिक्त, भारतीय दूतावास ने डीडीयूजीयू के कृषि विशेषज्ञों की मदद से नेपाल की कृषि प्रणाली को मजबूत करने के प्रयासों को भी प्रोत्साहित करने का वादा किया।
इस अवसर पर भारतीय दूतावास के द्वितीय सचिव (शिक्षा) अजय कुमार सिंह, डीडीयूजीयू के प्रो. दिनेश यादव, प्रो. राजर्षि गौर, अंतर्राष्ट्रीय प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. रामवंत गुप्ता, और डॉ. अम्बरीश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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