अबू धाबी/नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देने के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अबू धाबी के उप शासक शेख तहनून बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने ऊर्जा सुरक्षा, उभरती प्रौद्योगिकियों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और बुनियादी ढाँचे में निवेश जैसे अहम विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
निवेश और रणनीतिक सहयोग पर फोकस
शेख तहनून ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत-यूएई साझेदारी को और गहरा बनाना था। उन्होंने बताया कि बातचीत में नवाचार आधारित सहयोग, निवेश संबंधों को मज़बूत करने और AI की बढ़ती भूमिका पर विशेष जोर दिया गया। साथ ही वैश्विक आर्थिक-तकनीकी रुझानों और तेज़ विकास के अवसरों पर भी चर्चा हुई।
पीयूष गोयल का बयान
बैठक के बाद अपने विचार साझा करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा—
“महामहिम, आपसे मिलकर मुझे सम्मान मिला। भारत और यूएई के लिए ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढाँचे और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। मैं इन अवसरों का लाभ उठाकर निवेश संबंधों को और मज़बूत करने के लिए तत्पर हूँ।”
बीएपीएस मंदिर का दौरा
इससे एक दिन पहले पीयूष गोयल ने अबू धाबी स्थित भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर का भी दौरा किया। उन्होंने इसे “आध्यात्मिक अनुग्रह और स्थापत्य उत्कृष्टता का मील का पत्थर” बताते हुए भारत-यूएई सांस्कृतिक साझेदारी का गौरवशाली प्रतीक करार दिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास से भी भेंट की।
भारत-यूएई संबंधों की मजबूती
पिछले कुछ वर्षों में भारत और यूएई के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक संबंध तेजी से गहरे हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी। खासकर निवेश और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग आने वाले समय में और भी मज़बूत हो सकता है।