न्यूयॉर्क (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत ने पाकिस्तान के कश्मीर पर भ्रामक प्रचार और 1971 में हुए “व्यवस्थित नरसंहार” को उजागर करते हुए तीखी आलोचना की है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह “अपने ही लोगों पर बमबारी करता है” और दुनिया को गुमराह करने की कोशिश करता है।
भारत का यूएनएससी में बयान
भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने महिला, शांति और सुरक्षा पर यूएनएससी की खुली बहस में कहा:
“दुर्भाग्यवश, हर साल हमें पाकिस्तान के भ्रामक प्रचार को सुनना पड़ता है, खासकर जम्मू-कश्मीर पर, जिस पर वे अवैध लालच करते हैं। महिला, शांति और सुरक्षा के एजेंडे पर भारत का रिकॉर्ड बेदाग और अक्षुण्ण है।”
उन्होंने आगे कहा:
“जो देश अपने ही लोगों पर बमबारी करता है, व्यवस्थित नरसंहार करता है, वह केवल दुनिया का ध्यान भटकाने की कोशिश कर सकता है। पाकिस्तान ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान अपनी ही सेना द्वारा 4,00,000 महिला नागरिकों के सामूहिक बलात्कार और नरसंहार की योजना बनाई थी।”
पाकिस्तान के आरोपों पर प्रतिक्रिया
पाकिस्तान की स्थायी मिशन की काउंसलर साइमा सलीम ने कश्मीर में यौन हिंसा के आरोप लगाए थे। भारत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह “भ्रामक और निराधार आरोप” हैं और उनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करना है।
भारत का मानना
हरीश ने कहा कि पाकिस्तान को अपनी “जीवनरक्षक प्रणाली पर निर्भर अर्थव्यवस्था, सैन्य प्रभुत्व, उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघनों” पर ध्यान देना चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत के खिलाफ निराधार बयानबाजी करे। भारत ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और रहेगा।
पाकिस्तान पर आरोपों की सूची
भारत ने यूएनएससी में पाकिस्तान पर निम्न गंभीर आरोप लगाए:
कश्मीर में भ्रामक प्रचार
अपने ही नागरिकों पर बमबारी
व्यवस्थित नरसंहार और सामूहिक बलात्कार
आतंकवाद का निर्यात
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देना