
नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) के कई घटक दलों के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सांसदों का आरोप है कि बिहार में SIR की प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है और इसके पीछे राजनीतिक मंशा छिपी हुई है। सांसदों ने कहा कि यह पुनरीक्षण प्रक्रिया विपक्ष के मताधिकार को कमजोर करने और चुनावी संतुलन को प्रभावित करने का प्रयास है। प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने हाथों में तख्तियां लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाज़ी की और राष्ट्रपति से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से पुनरीक्षण प्रक्रिया को तत्काल रोकने और एक निष्पक्ष तथा स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (यू), वाम दलों समेत कई अन्य पार्टियों के सांसद इस प्रदर्शन में शामिल हुए। सांसदों का कहना था कि बिहार में इस प्रक्रिया का दुरुपयोग करके खास वर्गों और समुदायों के मतदाताओं को सूची से बाहर करने की कोशिश की जा रही है। राजद सांसद मनोज झा ने कहा, “यह सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि लोकतंत्र के मूलाधिकारों पर हमला है। अगर मतदाता सूची से छेड़छाड़ की जाएगी तो निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हो पाएंगे।” वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे “चुनावी इंजीनियरिंग का प्रयास” बताया और चुनाव आयोग से इसपर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की। गौरतलब है कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण 1 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा, जिसकी अंतिम सूची 10 अक्टूबर को प्रकाशित होनी है। विपक्षी सांसदों ने चेतावनी दी कि अगर इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो देशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
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