उत्तुंग हिमालय शीश बन खड़ा,
सागर वंदन करे चरण रज धोकर,
पर्वतराज ऊँचा उठने को कहता है,
सागर दिखलाता गहरे लहराकर।
सोच समझ अति ऊँची गहरी,
भाव समर्पण का पावन आदर,
शिखर शिखर पर सूर्य रश्मियाँ,
उषा किरण संग भाल उठाकर।
हमें सोच समझ है ये जो कहती हैं,
उठती गिरती सुतरल विचलित तरंग,
हृदय अंक में भर लो अपने जी भर,
खट्टी मीठी सुमधुर बिखरती उमंग।
धरा धैर्य धर स्थिर रहना सिखलाती,
पर्वत मस्तक पर धरकर ज्ञान ध्यान ,
नभ में भारत के है सुरभित शोभित,
गौरव शाली, विजयी स्वाभिमान।
विश्व गुरू थे हम और अब भी हैं,
मस्तक, सीना तानकर खड़े हुये,
बुरी नज़र से आँख उठाकर देख
सके इतना तो दम अब है किसमें।
श्रीराम, श्रीकृष्ण की पावन धरती,
धर्म हेतु लेते हर युग में अवतार,
गौतम, अशोक, नानक, गांधी क्रम
से सबने किया भारत का उद्धार।
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हिल
मिल करते महान भारत से प्यार,
जब भी आँख उठायें देश दुश्मन
सभी एक हो करें दुश्मन पर वार।
जब धोखे बाज़ी करी कपटी चीन ने,
नेहरू ने डट लड़ने को ललकारा था,
नापाक पाक को धूल चटा शास्त्री ने
इंदिरा ने बाँग्लादेश बना डाला था।
अटल बिहारी जी ने फिर एक बार
पाकिस्तान को बहुत ललकारा था,
कारगिल का छद्म युद्ध लड़ भारत ने
दुश्मन का सारा दम खम तोड़ा था।
दुनिया भर के कायर दुश्मनों संभल
जाइए भारत से पंगा कभी नहीं लेना,
आदित्य विश्वगुरू व विश्व विजेता
हैं हम भी हमसे टकराहट मत लेना।
•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
इंटरलॉकिंग, नाला निर्माण, गौशाला व पोखरा सुंदरीकरण जैसी योजनाएं देंगी मऊ को नई पहचान मऊ…
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। एकलव्य एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में नशा…
सरदार पटेल की जयंती पर एकता का संदेश संत कबीर नगर(राष्ट्र की परम्परा)। लौह पुरुष…
गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की…
संत कबीर नगर (राष्ट्र की परम्परा)। जिलाधिकारी के आदेश को रद्दी की टोकरी में डालने…
देवरिया (राष्ट्र की परम्परा )l विश्वहिंदू परिषद देवरिया विभाग के चार जिलों देवरिया, देवराहा बाबा,…